चंडीगढ़1 घंटा पहले
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चंडीगढ़ मेयर चुनाव हार्नेस के बाद आम आदमी पार्टी के नेता बीजेपी पर फाउली का आरोप लगा रहे हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा-बीजेपी चुनाव के लिए आप कुछ भी कर सकते हैं।
वृश्चिक ने आगे कहा- जीपीयू में दिमागी विकार होता है। वडोदरा में हेराफेरी करती है। अगर भगवान की कृपा से भारत गठबंधन लोकसभा चुनाव जीत गया तो डोनाल्ड की तरह वे (बीजेपी) अपनी सीट नहीं छोड़ेंगे।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति पर नवंबर 2020 में देश में राष्ट्रपति चुनाव के बावजूद सत्ता में बने रहने के लिए आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया गया है।
आपने चुनाव प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाया
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में बीजेपी के हाथ लगे हार के बाद आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस ने प्रधान मंत्री अनिल मसीह और चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। आप नेताओं ने वोटिंग के बाद पहले हाउस के अंदर अनिल मसीह की ओर से टिकट खरीदने के दौरान टिक करने से जुड़े वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किए।
आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम राघव चड्ढा और स्वाति मालीवाल ने दावा किया है कि इन वीडियो में अनिल मसीह सरेआम फाउली नजर आ रहे हैं।
भाजपा नेता मनोज सोनकर मेयर चुने गए
इससे पहले भाजपा प्रमुख मनोज सोनकर को मेयर चुना गया था। उन्होंने आप-कांग्रेस के भारत अलायंस के अलायन्स के अलायन्स टीटा को 4 सीटों से हरा दिया। बीजेपी के मनोज को 16 और आप-कांग्रेस के विपक्ष को 12 वोट मिले, जबकि अलायंस के 8 वोट अमान्य कर दिए गए। मेयर चुनाव के लिए न्यूनतम और 35 स्टाफ सदस्यों ने मतदान किया।
सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत संधू और डिप्टी मेयर रेजिडेंट शर्मा चुने गए। इसके बाद कांग्रेस-आप के समर्थकों ने भाजपा पर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया। इसके विरोध में आप ने कहा कि वह उच्च न्यायालय में अपनी लड़ाई लड़ेंगे।
चंडीगढ़ मेयर इलेक्शन की खस बात यह रही कि भाजपा और आश्रम आश्रम की भारत में पहली यह प्रतिस्पर्धा थी। जिसे पाने में बीजेपी कामयाब रही।
परिणाम डिकलेयर होते ही भाजपा के मनोज सोनकर को कुर्सी पर बिठाया गया।
यहां देखिए किसको कितने मिले वोट
बीजेपी के चंडीगढ़ मेयर मनोहर सोनकर को कुल 16 वोट मिले। यानी पार्टी के सभी 14 ताकतों के साथ एक अल्पसंख्यक और एक अकाली ताकतों का वोट मिला, जबकि आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के मेयर प्रत्याशी कुमार व्लादिमीर को 12 वोट ही मिले। इनमें से 8 सिस्टम को अवैध करार दिया गया। जिससे 4 वोटों से भाजपा वोटों को विजयी घोषित कर दिया गया।
नए मेयर मनोज सोनकर के साथ न्यूनतम किरण खेर और भाजपा की मजबूती।
आप-कांग्रेस बहुमत के बाद भी हारी
चंडीगढ़ नगर निगम चुनाव में आप कांग्रेस बहुमत के बाद भी हार गई। दोनों ने भारत गठबंधन के तहत चुनाव लड़ा। गठबंधन के बाद दोनों पार्टियों के 20 (आप के 13+ कांग्रेस के 7) वोट पड़े, जबकि बीजेपी के 14 मजबूत और एक न्यूनतावादी किरण खेर के कुल 15 वोट बने। शिरोमणि अकाली दल (SAD) की एक ताकत है।
वोट अवैध के विरोध में आप-कांग्रेस होने वाले समर्थकों ने वोट डाले।
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