केंद्र सरकार 2026 तक 30 स्थानों को भिखारी मुक्त योजना | 30 पर्यटन स्थलों को 2026 तक मुक्त किया जाएगा: इनमें अयोध्या-उज्जैन जैसे 10 धार्मिक स्थल शामिल; भिखारियों का सर्वेक्षण शुरू

नई दिल्ली5 मिनट पहले

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2026 तक केंद्र सरकार देश के 30 टूरिस्ट प्लेस को बैगर फ्री बनाएगी।  - दैनिक भास्कर

2026 तक केंद्र सरकार देश के 30 टूरिस्ट प्लेस को बैगर फ्री बनाएगी।

केंद्र सरकार ने देश के 30 टूरिस्ट प्लेस को भिखारिन मुक्त बनाने की योजना तैयार की है। इनमें उत्तर प्रदेश के अयोध्या और मध्य प्रदेश के मुस्लिम जैसे 10 धार्मिक स्थल शामिल हैं। सामाजिक न्याय मंत्रालय के अधिकारियों ने सोमवार (29 जनवरी) को बताया कि 2026 तक इन स्थानों से भिखारियों को प्रवेश दिया जाएगा। यहाँ रहने के लिए जगह और शिक्षा देने का भी काम किया जाएगा।

भिखारियों की पहचान के लिए भिक्षावृत्ति मुक्त भारत अभियान के तहत सर्वेक्षण शुरू हो गया है। मॉनिटरिंग के लिए मंत्रालय की ओर से एक ऐप और पोर्टल भी फरवरी 2024 में लॉन्च किया जाएगा। इसमें भिख परिवार वाले लोगों की जानकारी शामिल होगी। उन्हें ऑनलाइन भी लॉन्च किया गया है और लगातार अपडेट भी किया जा रहा है।

इन जगहों से भिक्षुक विस्थापिहोगे
धार्मिक महत्व के जिन 10 स्थानों पर भिखारियों को शामिल किया गया है, उनमें अयोध्या, ओंकारेश्वर, आश्रम, सोमनाथ, मुजफ्फरनगर, बोधगया, त्र्यंबकेश्वर, पावागढ़, मदुरै और वैश्य शामिल हैं। इसके अलावा, पर्यटन स्थलों में स्टेट्स, तिरुवनंतपुरम, विजयवार्ड, ज़ांची, सांची, केवडिया, गिरिजाघर, नामाईसाई, खजुराहो और पुदुचेरी शामिल हैं। वहीं, वरंगल, तेजपुर, कोज़ोकोड, अमृतसर, ओज़ू, कटक, इंदौर, मियामी, आदर्श, ताजपुर, तेजपुर सहित अन्य स्थानों की सूची में हैं।

कैसे होगा सर्वे?
अधिकारियों ने बताया कि सभी 30 टूरिस्ट प्लेस पर सर्वे का यूनिफॉर्म स्टोर्स रखा गया है। सबसे पहले भिखारियों ने पूछा था कि वे कोई और काम करना चाहते हैं या आगे भी मांगना चाहते हैं। इसके अलावा यह भी पूछा जाएगा कि उनके परिवार में कितने लोग इस काम में शामिल हैं। इस आधार पर हर शहर की एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अलग-अलग शहरों की नगर पालिकाओं और नगर निगमों ने मंत्रालय के तहत भिखारियों को वित्तपोषित करने के लिए योजना बनाई है।

मध्य प्रदेश के साँची में एक भी भिखारिन नहीं है
30 शहरों में से 25 शहरों की नगर पालिकाओं और नगर निगमों की पहचान करते हुए मंत्रालय ने योजना शुरू करने की सहमति दे दी है। लेकिन निजीकरण, कटक, यूके और स्केटबोर्ड से अभी तक मंत्रालय को कोई जवाब नहीं मिला है। वहीं, कोझिकोड, विजयवाड़ा, मदुरै और मैसूर ने अपना सर्वे भी पूरा कर लिया है।

उत्तर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित साँची के लिए जिला अधिकारियों की ओर से यहां बताया गया है कि कोई भी भाग नहीं सकता है। ऐसे में मंत्रालय साँची की किसी भी जगह की पहचान जल्द ही कर सकता है।

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