कुकी समूह ने 12 दिनों के बाद मणिपुर में आर्थिक नाकेबंदी समाप्त की | खराब कानून-व्यवस्था से परेशान 12 दिन से ब्लॉक कर रहे थे दो हाईवे

इन्फालएक मिनट पहले

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कुकी-जो बहुल महासागर में कानून व्यवस्था बहाल करने में प्रशासन के ढुलमुल रैवये से परेशान समूह ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था।  - दैनिक भास्कर

कुकी-जो बहुल महासागर में कानून व्यवस्था बहाल करने में प्रशासन के ढुलमुल रैवये से परेशान समूह ने राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था।

कंपनी में एक प्रभावशाली कुकी समूह ने सोमवार को दो राष्ट्रीय राजमार्गों को खोला, जिसमें 12 दिन से बंद रखा गया था। ट्राइबल यूनिटी (COTU) पर कांगपोकपी की समिति ने 15 नवंबर को इन हाईवे को बंद कर दिया था। उनका कहना था कि कुकी-जो बहुसंख्यक एशिया में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए प्रशासन का राविया ढुलमुल चल रहा है।

प्रशासन ने इस नागालैंड के शहर दीमापुर और असम के शहर सिलचर से इंफाल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के कुछ विचारधाराओं को ब्लॉक कर दिया था, ताकि इंफाल और समुदाय के बाकी शहरों तक सामान की दुकान न हो सके। सुरक्षित।

लेकिन, बाद में कमेटी ने इन इलाक़ों में ट्राइबल्स के समूहों को अलग-अलग तरह से अलग-अलग समूहों में बांट दिया। हालांकि समिति ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो उन्हें बंद करने के फैसले की समीक्षा और ई-मेल लागू किया जाएगा।

समिति ऑन ट्राइ यूनिटबली (COTU) के सदस्य।

समिति ऑन ट्राइ यूनिटबली (COTU) के सदस्य।

सेना के पूर्वी कमान प्रमुख बोले- सेना प्रमुखों की समस्या का राजनीतिक समाधान जरूरी
भारतीय सेना के पूर्वी कमान प्रमुख राणा प्रताप कलीता ने कहा कि जवानों की समस्या राजनीतिक है, इसलिए इसका समाधान भी राजनीतिक होना चाहिए। कलीता ने ये बात 21 नवंबर को असिस्टेंट के प्रेस क्लब में ग्रैब से बात करते हुए कही।

उन्होंने कहा- हमारी कोशिश है कि हिंसाएं. राजनीतिक समस्या के लिए ऑलमोस्ट सॉल्यूशन बेचा जाएगा, इसके लिए बोथ्स स्टार्स (कुकी और मैतेई) को प्रेरित किया जाना चाहिए। हिंसा दार्शनिकता में हमें बड़े पैमाने पर कार्यकर्ता भी मिले हैं। लेकिन कुकी और मैतेई का ध्रुवीकरण हुआ है, इसलिए कुछ छिटपुट घटनाएं होती हैं।

क्लिता ने यह भी कहा कि राज्य के दस्तावेजों से लूटे गए 4 हजार हथियार अब भी लोगों के हाथों में हैं और हिंसा में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। जब तक ये लोग पास से रिकवर नहीं होंगे, विद्वानों में हिंसा नहीं होगी। करीब 5 हजार हथियार लूटे गए थे, जिनमें से सिर्फ 1500 ही बरामद हुए हैं। पूरी खबर यहां पढ़ें…

नवंबर में घटी घटना

  • 1 नवंबर: 31 अक्टूबर की देर रात को इंफाल में एसडीओपी की हत्या से आक्रोशित भीड़ ने राइफल्स के कैंप पर हमला कर दिया था। इनका मकसद हथियार लूटना था। हालाँकि सुरक्षा कर्मियों ने कई हवाई जहाज़ों की भीड़ को तितर-बितर कर दिया।
  • 5 नवंबर: इंफाल पश्चिमी जिले से दो युवा सेकमाई क्षेत्र में जाने के लिए निकले थे। उसके बाद से दोनों की कोई खबर नहीं है। पुलिस ने लापता मैबम अज्ञानी (16) और निंगथोउजाम एंथोनी (19) के मोबाइल आर्मीपति जिले से पेट्रोल पंप के पास से बरामद किया। राज्य में मोबाइल इंटरनेट पर प्रतिबंध 8 नवंबर तक बढ़ा दिया गया है।
  • 6 नवंबर: अमेरिकी पुलिस ने 3 लोगों को हिरासत में लिया। इन पर दो पार्सल के असामयिक का आरोप है। लापता हॉस्टल की राज्यपाल अनुसुइया उइके और पुलिस से शिकायत की। साथ ही इंफाल में रैली रैली। रास्ता जाम कर प्रदर्शन किया।
  • 7 नवंबर: 7 नवंबर को कांगचुप इलाके में एक कंपनी की गोलीबारी हुई, जिसमें 2 पुलिसकर्मी, एक महिला समेत 9 लोग घायल हो गए। सात लोगों को रिम्स तो 3 लोगों को राज मेडिसिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
  • 9 नवंबर: इंफाल में महिला समेत दो लोगों का शव बरामद। पुलिस ने बताया, शव की आंखों पर पट्टी बांधी गई थी, जबकि हाथ पीछे से बंधे थे। वहीं सिर पर गोलाई के निशान मिले।
हिंसा के श्रमिक देशों का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां से लेकर अब तक सभी कुछ दो समूहों में बंटे हुए हैं।

हिंसा के श्रमिक देशों का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जहां से लेकर अब तक सभी कुछ दो समूहों में बंटे हुए हैं।

सरकार की अंतिम स्थिति…

  • प्रोटोटाइप में डुप्लिकेट से लेकर सरकारी स्टार्टअप तक सब कुछ दो समुदायों में विभाजित हैं। पहले 16 में लेकिन 34 लाख की आबादी में मटेई-कुकी साथ रहते थे, अब कुकी बहुल चुराचांदपुर, टेंगनाउपोल, कांगपोकपी, थीगोल, चंदेल में कोई भी मतेई नहीं बचा है। वहीं मैतेई बहुल इंफाल पश्चिम, पूर्व, विष्णुपुर, थोउबल, काकचिंग, कप्सिन से कुकी चले गए हैं।
  • कुकी क्षेत्र के प्रमुखों को मैताई डॉक्टर ठीक करने चले गए हैं। इससे यहां इलाज बंद हो गया। अब कुकी डॉक्टर कमांड सपोर्ट रह रहे हैं। यहां नहीं होने से मरहम-पट्टी, औषधियों की भारी कमी है।
  • सबसे ज्यादा प्रभावशाली मूर्तिकला पर हुआ है। 12 हजार 104 बच्चों का भविष्य अटक गया है। ये बच्चा 349 रिलीफ कैंपों में रह रहे हैं। रेज़िस्टेंस की निगरानी में स्कूल 8 घंटे की जगह 3-5 घंटे ही लग रहे हैं। राज्य में 40 हजार से ज्यादा युवा आस्तिक हैं।
  • हिंसा के बाद से अब तक 6523 एफआईआर दर्ज हुई हैं। इनमें अधिकतर शून्य एफआईआर हैं। इनमें 5107 केस, 71 हत्याएं शामिल हैं। 53 अधिकारियों की एक टीम 20 केस देख रही है।
  • इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, झिरिबम, विष्णुपुर, थौबल, चुराचांदपुर और टेंगनाउपोल, कांगपोकपी, काकचिंग, फिरोजॉल में लगा हुआ है। जबकि सेनापति, उरखुल, कामजोंग, टेमेंगलोंग, नोने और कप्सिन में शाम 6 से 5 बजे तक लगा है। पूरी खबर पढ़ें…

4 पॉइंट्स में जानें- क्या है सरदार हिंसा की वजह…
कंपनियों की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नागा और कुकी। मैताई ज्यादातर हिंदू हैं। नागा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। एसटी वर्ग में आते हैं। जापानी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% क्षेत्र में इन्फाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है। नागा-कुकी की जनसंख्या करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए डेमोक्रेट उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। कम्यूनिटी का विलय था कि 1949 में कम्युनिस्टों का भारत में विलय हो गया था। उन्हें सबसे पहले ट्राइब का ही लेबल मिला था। इसके बाद उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से भिक्षु की मैतेई को जनजाति जनजाति (ST) में शामिल कर लिया।

मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति का मानना ​​है कि सबसे पहले उनके राजा को म्यांमार से कुकी विजय युद्ध के लिए बुलाया गया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी चले गये। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल केट और पहाड़ की खेती करना शुरू कर दिया। इन प्रयोगशालाओं का ट्रॉयंगल बन गया है। यह सब मेडिकल हो रहा है। अन्य नागा लोगों ने लड़ाई के लिए हथियार समूह बनाया।

नागा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी तीनों जनजाति मैतेई समुदाय को तटस्थता के विरोध में हैं। इसमें कहा गया है कि राज्य की 60 से 40 सीट पहले मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में एसटी वर्ग में मैतेई को अनोखा मिलन से उनके अधिकार का बंटवारा होगा।

तृतीयक गुणांक क्या हैं: टीमों के 60 प्रतिनिधियों में से 40 नेता मैतेई और 20 सदस्य नागा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रह रहे हैं।

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नक्सली हिंसा के 6 महीने, 187 की मौत: मैतेई लीपुन ऑर्गेन गुट के प्रमुखों पर हमला, कुकी बिश्राम का आरोप पुलिस कमांडो कर रहे ज्यादती

3 मई से जारी हिंसा में 3 नवंबर को छह महीने हो गए। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, छह महीने में राज्य में 187 लोगों की मौत हुई है। हालाँकि, आधिकारिक तौर पर कहा गया है कि राज्य में 200 से अधिक लोग मारे गए हैं। 120 से अधिक शव आज भी सरकारी कर्मियों के मुर्दाघरों में पड़े हैं। उधर, कुकी-मैतेई समुदाय कई संपत्तियों के लापता होने का दावा कर रहे हैं। हिंसा में 50 हजार 648 लोगों के घर उजड़ गए। पूरी खबर यहां पढ़ें…

कुकी कम्यूनिटी की केंद्र सरकार को दो सप्ताह का अल्टीमेटम:आईटीएलएफ ने कहा- हमारे पास 3 जिले, 10 विधायक; अलग सरकार न मिली तो बनी बनी रही

3 मई से जातीय हिंसा से कम्युनिस्ट रहे अब नई सुगबुगाहट शुरू हो गई है। कुकी-जो समुदाय के सबसे बड़े संगठन इंडिजेंस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने केंद्र सरकार से अलग सरकार बनाना खतरनाक बना दिया है। आईटीएलएफ ने अंतिम रूप से कहा कि उन्हें अलग प्रशासन नहीं दिया गया तो दो सप्ताह बाद चोरीचांदपुर, कांगपोकपी और तांगनाउपोल में एक असाधारण प्रशासन बनाया गया। यहां अमेरिकी सरकार का पास नहीं है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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