कर्पूरी ठाकुर और आडवाणी के बाद तीन और भारत रत्न | भास्कर राय- सम्मान: कर्पूरी ठाकुर और मस्जिद के बाद तीन और भारत रत्न

12 मिनट पहलेलेखक: नवनीत गुर्जर, नेशनल भास्कर, दैनिक भास्कर

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इस बार केंद्र सरकार ने देश को पांच विभूतियों को सर्वोच्च सम्मान देने की घोषणा की है। महान नेता कर्पूरी ठाकुर और महारथी लाल कृष्ण मंडल के बाद पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पीवी नारायण राव और हरित क्रांति के प्रणेता कृषि वैज्ञानिक स्वामी स्वामीनाथन को भारत रत्न की घोषणा की गई है।

चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे। वे अपने फैसले और साफ-सपाट बोलने के लिए जाते थे। आज कई अलग-अलग जिलों में जो जनता दल नजर आता है, उस जनता दल की स्थापना सबसे पहले चौधरी चरण सिंह ने ही की थी। वे देश के ऐसे प्रधानमंत्री बने जो इस पद पर रहते हुए कभी संसद नहीं गए।

चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे।

चौधरी चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री थे।

पीवी नारायण राव बड़े पैमाने पर प्रधानमंत्री रहे। आर्थिक उदारवाद के वे ही वाहक थे। एक जमाना था जब लोग बंधकों से लोन लेकर दूर चले गए, तो उनके पास से भी मठवासी थे। लोगों के मन से यह डर ड्राफ़्ट का श्रेय नारायण राव को ही मिलता है। वे ही थे महान अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री अपनी सरकार में शामिल किया।

भारतीय राजनीति में ईरान के समय के बाद अपनी तरह का यह अनोखा प्रयोग था। इससे पहले पंडित नेहरू ने 1947 में अपनी अंतरिम सरकार में कई विषय विशेषज्ञों को शामिल किया था। डॉ. नरसिंह राव ने अर्थ व्यवस्था में सुधार हेतु डॉ. अर्थशास्त्री सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया और अर्थशास्त्री ने यह काम दिखाया।

पीवी नरसिंह राव ने अर्थ व्यवस्था में सुधार के लिए डॉ.  मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया।

पीवी नरसिंह राव ने अर्थ व्यवस्था में सुधार के लिए डॉ. मनमोहन सिंह को वित्त मंत्री बनाया गया।

कालांतर में दस्तावेज़ दस साल तक देश के प्रधानमंत्री भी रहे। कारसेवकों के हुजूम ने बाबरी ढाँचे का ध्वज पीवी नरसिंह राव के प्रधानमंत्रित्व काल में ही किया था।

एक और भारत रत्न वैज्ञानिक स्वामीनाथ स्वामीन महान कृषि वैज्ञानिक थे। कृषि क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता डॉ. स्वामीनाथन की ही मांद है। गेहूं और चावल की अधिक से अधिक नई बीज बनाने की सोच उनकी अपनी थी। इसी वजह से भारत आज बिजनेस के मामले में आत्मनिर्भर और सुरक्षित है।

एमएस स्वामीनाथन महान कृषि वैज्ञानिक थे।

एमएस स्वामीनाथन महान कृषि वैज्ञानिक थे।

कृषि क्षेत्र अनुसंधान डॉ. स्वामीनाथन ने सर्वोच्च पद संभाला। यह काम उन्होंने तब किया जब भारत कृषि क्षेत्र में कई उपन्यासों का सामना हो रहा था। वो ऐसा समय था जब किसान केवल अपने और परिवार के साल भर तक भर का ही उत्पादन कर पाता था।

डॉ. स्वामीनाथन को भारत रत्न बेकर सरकार ने कृषि क्षेत्र का सम्मान दिया है। कृषि क्षेत्र के लिए यह स्वर्णिम समय है।

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