बैंगलोर44 मिनट पहले
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![गृह मंत्री के साथ बृहत् बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन और पुलिस अधिकारियों के लिए नए सिरे से चर्चा करने के लिए - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/28/comp-8-1_1703774981.gif)
गृह मंत्री के साथ बृहत् बैंगलोर मेट्रोपॉलिटन और पुलिस अधिकारियों के लिए संस्थागत कार्यान्वयन पर चर्चा
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धमैय्या ने गुरुवार (28 दिसंबर) को कहा था कि उनकी सरकार साइनबोर्ड और नेम प्लेट पर 60% जगह कर्नाटक के आरक्षण भंडार के लिए ऑर्डिनेंस जारी करेगी। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि यह वर्गीकरण 28 फरवरी 2024 से लागू होगा।
मुख्यमंत्री का यह कथन कन्वाड के समर्थकों के साइनबोर्ड, नेमप्लेट और काॅलेज पर रखी भाषा रखने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद आया है। उन्होंने गृह मंत्री, महानगर पालिका और पुलिस अधिकारियों से मुलाकात की।
सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि सरकार कन्नड़ भाषा व्यापक विकास अधिनियम (केएलसीडी) 2022 की धारा 17(6) में भी संशोधन योजना है, जिसे पिछली भाजपा सरकार ने 10 मार्च 2023 से पहले विधानसभा चुनाव लागू किया था।
विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को सीएम ने चेतावनी दी और कहा कि विरासत को नुकसान होगा। अगर कोई नियम नहीं मानेगा, तो उसका परिणाम भी होगा। सभी आस्तिक और दार्शनिकों से भी अपील की कि वे कानून अपने हाथ में न लें।
डिप्टी सीएम बोले- नारे लगाए जाते हैं तो क्वार्टर, बोरियत नजर नहीं आएंगे
कर्नाटक के सॉसेज डेके शिवकुमार और अशिक्षित डॉक्टर। जी भगवान ने यह भी कहा था कि राज्य में किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। हमें कन्नड़ को बचाना है और हम उन लोगों का सम्मान करते हैं, जो कन्नड़ को बचाना है। वे लोकतांत्रिक तरीकों से जो स्वतंत्र हैं, लेकिन स्वतंत्रता स्वीकार नहीं की जाएगी।
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अंग्रेजी-अंग्रेजी भाषा के साइनबोर्ड पर कलिक पोटी
बेंगलुरु में विवाद भाषा को लेकर रविवार (27 दिसंबर) को कई जगहों पर प्रदर्शन हुआ। रेस्तरां ने केम्पेगौड़ा हवाईअड्डे, होटल, गोदामों और निजी कंपनियों के कार्यालयों के बाहर उड़ान भरी। अनप्लगियन्स ने उन स्थानों को जंगल में बनाया, जिनमें हिंदी या अंग्रेजी भाषा के बजाय कन्नड़ के साइनबोर्ड लिखे गए हैं। सुपरस्टार ने ऐसे सिनेबोर्डों पर नीचे दिए गए या उन पर कालिख पोट दी। पढ़ें पूरी खबर…
कन्नड़ सिनेबोर्ड का विवाद क्यों बढ़ा…
बृहत मेट्रोपॉलिटन मेट्रोपॉलिटन (बीबीएमपी) ने 25 दिसंबर को एक आदेश जारी किया था, जिसमें शहर के सभी रेस्तरां, होटल और मॉल में साइनबोर्ड पर 60% कन्नड़ भाषा अनिवार्य कर दी गई थी। आदेश आने के बाद लोगों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, उनकी मांग को यह आदेश लागू कर दिया गया।
पुलिस ने बेंगलुरु में कई जगहों पर प्रदर्शन कर रहे कर्नाटक रक्षा वैदिक ग्रुप (केआरवी) के कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। विरोध प्रदर्शन केआरवी अध्यक्ष टी ए नारायण गौड़ा के नेतृत्व में हो रहा था।
53 से अधिक पौराणिक कथाओं को 10 जनवरी से 14 दिन पहले परप्पाना आगरा सेंट्रल जेल में रखा गया था। पुलिस ने 1000 लोगों को जेल में डाल दिया।