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- ओडिशा: स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के कुछ घंटों बाद पांडियन को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला
भु9 मिनट पहले
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ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक के निजी सचिव रहे वी के पांडियन को 24 घंटे के लिए आंतरिक मंत्री बनाया गया है। आईएएस अधिकारी पांडियन ने सोमवार को वीआरएस (वॉलेंट्री प्लेसमेंट) ले लिया। मंगलवार को उन्हें 5टी इनिशिवेटिव का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
ओडिशा में 5टी इनिशिएटिव सर्जरी का कॉस्मेटिक पांडियन का ही था। इसके अधीन राज्य में सभी सरकारी एजेंसियों में एडमिनिस्ट्रेशन को रखा गया था। 5T इनिशिएटिव में पहले T का मतलब ट्रांसपरेंसी, दूसरा- टीमवर्क, तीसरा- टेक्नोलॉजी, चौथा- टाइम और पांचवां- ट्रांस फॉर्मेशन है।
प्रशासन एवं लोक शिकायत विभाग ने कहा कि पांडियन सीधे मुख्यमंत्री के अधीन काम करेंगे। राज्य सरकार के प्रमुख कार्यक्रम और इंजीनियर्स 5टी के अंतर्गत आते हैं, जिनका ओडिशा सरकार के लगभग हर विभाग पर प्रभाव पड़ता है।
कौन हैं वीके पांडियन
वीके पांडियन 2000 बैच के ओडिशा कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने एक सिविल सर्वेंट के रूप में अपना करियर कालाहांडी जिले में स्थित धर्मगढ़ में एक डिप्टी-कलेक्टर के रूप में शुरू किया। इसके बाद वह मृगभंज और गंजम में स्नातक के पद पर आसीन रहे।
2011 में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) में शामिल हुए और टैब से वह पटनायक के निजी सचिव हैं। पिछले 12 वर्षों में पांडियन ने पटनायक सरकार के कई महत्वपूर्ण निर्णयों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वीके पांडियन ने समर्थित ओडिशा सरकार का बड़ा प्रोजेक्ट बनाया
पांडियन ने श्रीजगन्नाथ हेरिटेज गैलरी, श्रीमंदिर प्रोजेक्ट्स जैसे मेगा प्रोजेक्ट्स में भी बड़ी भूमिका निभाई। इस वर्ष पूरा होने की संभावना है।
श्रीजगन्नाथ मंदिर की बाहरी दीवार के चारों ओर 75 मीटर का एक गलियारा बनाया जा रहा है। पूरे होने पर भक्तों को दूर से ही मंदिर देखने को मिलेगा।
श्रीमंदिर के साथ-साथ पांडियन ने राज्य में प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों के नवीनीकरण और जीर्णोद्धार की शुरुआत ओडिशा सरकार की भी की।
ओडिशा में मो सरकार के जन माने जाते हैं पांडियन
वीके पांडियन को ओडिशा में ‘मो सरकार’ लॉन्च करने के लिए भी जाना जाता है। यह सबसे पहले राज्य के अखिल भारतीय पुलिस विभाग के साथ 21 जिला मुख्यालय और मेडिकल कॉलेज में 2 अक्टूबर 2019 को शुरू किया गया था। उनका मकसद सरकारी मशीनरी में आने वाले लोगों को सम्मान के साथ मदद करना है।
मो सरकार कैसे काम करती है?
- सरकारी कार्यालयों में काम से जुड़े आम लोगों के फोन नंबर मिलते हैं। कंपनी के अधिकारियों की सहमति और व्यवहार को लेकर धोखाधड़ी की गई है।
- मुख्यमंत्री, डिविजनल मंत्री, पुलिस विभाग (पुलिस डॉक्टरों के मामले में) और डिविजनल मंत्री, सचिव और निदेशक (अस्पतालों के मामले में) फिम लेने के लिए रैंडम नंबर पर कॉल करते हैं।
- एफआइएम के आधार वाले कर्मचारियों को अच्छे या खराब रैंक वाले कर्मचारियों को आउट-ऑफ-टर्न प्रमोशन दिया जाएगा और खराब रैंक वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पांडियन के वीआरएस लेने पर उम्मीदवार का रुख
पांडियन के वीआरएस लेने से रास नहीं आ रहा है और उन्हें इस कदम के पीछे राजनीतिक मकसद नजर आया। समाजवादी विचारधारा के राकेश ने एक्स पर पोस्ट किया, पांडियन एक अच्छे अधिकारी रहे हैं और वे नवीन पटनायक की काफी मदद करते हैं। लेकिन अब वह एक राजनीतिक व्यक्ति बन जायेंगे।
ओडिशा में एक दशक से अधिक समय से एक अजीब स्थिति है। मुख्यमंत्री यहां एक जमींदारी की तरह हैं और उनके मुख्य सहयोगी राज्य के सीईओ के रूप में काम कर रहे हैं।
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