नई दिल्ली5 मिनट पहलेलेखक:अनिरुद्ध शर्मा
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संयुक्त राज्य अमेरिका प्राइम, जापान, डिज्नी हॉटस्टार जैसे स्टूडियो मंच जल्द ही सेंसरशिप के कार्यालयों में होंगे। उत्तर प्रदेश सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय ने नए ब्रॉडकास्टिंग बिल का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।
इसमें सैटेलाइट, सैटेलाइट केबल टीवी, डीटीएच, टेलीकॉम टीवी, डिजिटल न्यूज और इंटरनेट अफेयर्स के लिए भी नए नियम बनाए जा रहे हैं। इसके बाद टेलीकॉम प्लेटफ़ॉर्म ब्रॉडकास्टिंग नेटवर्क डेवलपर कहलाएंगे।
यदि किसी भी उपकरण या ब्रॉडकास्टर आर्किटेक्चर को चिह्नित नहीं किया गया है, तो सरकार उस पैकेज को डिजाइन करना, हटाना या तय करना, ऑफ एयर स्टे तक लेकर संबंधित प्लेटफॉर्म पर भी लगाया जा सकता है।
फ़्रॉम का नामांकन आवश्यक होगा
नए एकीकृत के तहत नामांकित चैनल के लिए सरकार के पास नामांकन होगा। सब्सक्राइबर बेस नोट होगा। फोरम के लिए निरपेक्ष कानून लागू करने के लिए उनकी कुल आबादी से किया जा रहा है। ऐसे में सभी के लिए लाजवाब फ्लेक पैक की जा सकती है।
इस विधेयक में 6 अध्याय, 48 धाराएँ और तीन व्यवस्थाएँ हैं। यह बिल बिल स्थायी केबल टेलीविजन नेटवर्क (रेगुलेशन) अधिनियम, 1995 पर आधारित है और प्रसारण से जुड़े अन्य दिशा-निर्देशों के स्थान को प्रभावित करता है। केंद्र सरकार ने इस मसौदे को 9 दिसंबर तक सलाह दी है और सलाह दी गई है।
बोले- तीन परत सेल्फ रेगुलेशन सिस्टम के लिए ब्लॉग
वकील (पब्लिक प्रतिभूति) अपार गुप्ता ने बताया, फ़्लोरिडा के लिए तीन साल का सेल्फ़ रेगुलेशन सिस्टम होगा। अपने स्तर पर तैयारी इल्यूएशन कमेटी (सीईसी) बनाएगी। सीईसी सर्टी पिरामिड प्रोग्राम ही दिखावटी है।
इसका आकार व ऑपरेशन विवरण सरकार तय करती है। एक संस्था बनेगी, जिसमें 15-20 नामांकित कलाकार होंगे। तीसरा, ग्रीवेंस रिड्रेसल ऑफर के लिए म्यूजिकल साउंड भी जरूरी है।
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केबल टीवी पर 7+ से ‘ए’ श्रेणी तक का प्रोग्राम भी दिखाया गया है
न्यूज़ या ऑनलाइन अफेयर्स यूट्यूब पर जैसे प्लेटफॉर्म पर अपना चैनल बनाने वाले इंडिपेंडेंट ब्लॉगर्स पर भी बिजली कासेगा। ऑनलाइन पेपर, न्यूज पोर्टल, वेबसाइट आदि पर प्रभावकारी, पेशेवर-व्यावसायिक न्यूजपेपर और उनके ऑनलाइन संस्करण के आंकड़े अलग से दिए गए हैं।
जैसा कि अभी तक विकिपीडिया चैनल पर उपलब्ध है, वह सैटेलाइट केबल नेटवर्क के चैनल पर भी उपलब्ध है। अभी उस पर सीबीएफसी प्रमाणित फिल्में भी दिखाई दे सकती हैं। फ्यूचर में भी फ्लोरिडा की तरह यू, 7+, 13+, 16+ से लेकर ‘ए’ श्रेणी का प्रोग्राम भी मुफ्त में प्रसारित होता है।
नियम नहीं माने तो 5 लाख रुपए का जुर्माना और अंकित तक संभव
ब्रॉडकास्टिंग एड डेयररी काउंसिल (बीएसआई) के लिए फ्लोरिडा आदि पर प्रसारित सामग्री पर नजर रखने के लिए। इस कोड के उल्लंघन के मामले में केंद्र को स्टॉक भेजा गया।
मीडिया के 25 साल के अनुभव वाले व्यक्तित्व होंगे और 5 सरकारी व पांच गैर-सरकारी संभ्रांत नागरिक सदस्य होंगे। कोड का उल्लंघन हुआ तो फोरम प्लेटफॉर्म पर फोम प्लास्टिक, रेस्तरां से निष्कासन, सलाह, चेतावनी, निंदा या 5 लाख रु. तक की सज़ा संभव।
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