12 मिनट पहले
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मीडिया विद्वान के अनुसार, सोमनाथ ने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘निलावु कुडिचा सिम्हंगल’ में चंद्रयान-2 और प्रमोशन का ज़िक्र किया है।
इसरो प्रमुख एस.एस. सोमनाथ ने दावा किया है कि उनकी प्रमोटर भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के पूर्व प्रमुख ने सीवान को बुलाया था। वे नहीं चाहते थे कि मैं संस्था का प्रमुख बनूँ। मीडिया अर्थशास्त्री के अनुसार, उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी ‘निलावु कुडिचा सिम्हंगल’ में इसका उल्लेख किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, सोमन ने अपनी किताब में चंद्रयान-2 की विफलता का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा कि चंद्रयान-2 जहाज़ के विफल होने का कारण था। मिशन से पहले जाने वाले सभी टेस्ट नहीं गए थे।
हालाँकि, शनिवार 4 नवंबर को सोमन ने पीटीआई से इस बारे में बात की। उन्होंने कहा कि किताब में मैंने अपने इसरो चीफ बनने तक की यात्रा के बारे में बताया है। हर इंसान को किसी भी संस्थान में सबसे मूल्यवान पद पर जाने के दौरान कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। साक्षात्कार ही साक्षात्कार मेरे सामने भी आई थी।
उन्होंने कहा कि मैंने अपने जीवन में आई झलक के बारे में लिखा है। किसी के ऊपर व्यक्तिगत टिप्पणी नहीं की जाती है। मैं किसी इंसान के खिलाफ नहीं हूं।

14 जनवरी 2022 को इसरो प्रमुख एस सोमन को बनाया गया था।
चंद्रयान-2 के फेल होने की सही जानकारी नहीं दी गई थी
सोनम ने कहा कि चंद्रयान-2 के फेल होने की घोषणा के समय जो गलतियां हुई थीं, वे छिप गईं। लॉन्च के समय कम्युनिकेशन सिस्टम फेल हो गया था, ऐसे में साफ था कि लॉन्चिंग होगी। इसकी जानकारी बाद में लोगों को दी गई।
सोनम ने आगे कहा कि मिशन के दौरान जो हो रहा है, उसे उसी तरह बताया जाना चाहिए। सच लोगों के सामने आना चाहिए। इस संस्थान में प्लाट मौजूद है। इसलिए किताब में चंद्रयान-2 की असफलता का जिक्र किया गया है।
मोदी के इसरो सेंटर पर आकर मुझसे मुलाकात की