एचएएल के अध्यक्ष सीबी अनंतकृष्णन का कहना है कि 83 एलसीए तेजस मार्क 1ए की डिलीवरी निर्धारित समय से एक साल पहले होगी | नासिक में बन रही तीसरी प्रोडक्शन लाइन; इससे एक साल में 24 मार्क-1ए सस्ते में तैयार हो गया

  • हिंदी समाचार
  • राष्ट्रीय
  • एचएएल के अध्यक्ष सीबी अनंतकृष्णन का कहना है कि 83 एलसीए तेजस मार्क 1ए तय समय से एक साल पहले तैयार किया जाएगा।

बैंगलोर23 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
तेजस में उड़ान भरने से पहले मोदी बेंगलुरु में 25 नवंबर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भी थे।  - दैनिक भास्कर

तेजस में उड़ान भरने से पहले मोदी बेंगलुरु में 25 नवंबर को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) भी थे।

पिछले दिनों मोदी ने बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का दौरा किया था। साथ ही तेजस में करीब 45 मिनट की उड़ान भी भारी थी। अब एचएएल के साठी सीबी अनंतकृष्णन नेपेट के संग्रहालय के बाद एचएएल में चल रहे मंडल वर्कशॉप की जानकारी साझा की गई है।

अनंतकृष्णन ने कहा कि नासिक में तीसरी प्रोडक्शन लाइन बनाई जा रही है। इसकी तैयारी एक साल में 24 साल में तेजस लाइट कैम्बैट एयरक्राफ्ट बनना शुरू हो जाएगी। अभी दो लाइन कुल 16 तेजस उत्पादों का उत्पादन कर रही हैं। नासिक प्रोडक्शन लाइन के बने से हर लाइन में 8 जेट्स बने हुए हैं।

एचएएल डिजिटल ने कहा- फरवरी 2024 से तेजस की लॉन्चिंग शुरू हो गई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो 2025-26 से सभी 83 एलसीए तेजस मार्क-1ए जेट्स के लिए भारतीय सेना का ऑर्डर तय समय से एक साल पहले डिलीवर कर दिया जाएगा।

तेजस को एचएएल ने विकसित किया है। यह सिंगल इंजन वाला फाइट लड़ाकू विमान है। विमान का पहला संस्करण 2016 में स्टेयर शामिल हुआ था। वर्तमान में दो 45 और 18 तेजस पूरी तरह से संचालित हैं।

मोदी ने तेजस में करीब 45 मिनट की सॉर्टी की थी।

मोदी ने तेजस में करीब 45 मिनट की सॉर्टी की थी।

हमारा फोकस निजी भागीदारी बढ़ाने में है- एचएएल पोर्टफोलियो
अनंतकृष्ण ने बताया कि छठी पीढ़ी की संकल्पना और क्षमता पर चित्र अधिक स्पष्ट नहीं है। यह अभी भी देवलपिपिंग मूड में है। एक बार जब हमें कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाएगा तो हम प्राइवेट इंडस्ट्रीज के साथ कैसे जुड़ेंगे, इस पर निर्णय लेना होगा।

स्मिथ ने कहा कि तेजस के दोनों संस्करण एलसीए मार्क 1ए और मार्क II के मामले में बड़े पैमाने पर औद्योगिक उद्योगों को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है। एलसीए मार्क 1ए के लिए प्राइवेट इंडस्ट्रीज़ की मदद से स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है। अवलोकन यह 55% है। यह 70% तक खरोंच है।

GE F414 जेट इंजन टेक्नोलॉजी में 3 साल का आविष्कार
साइबेरियाई अनंतकृष्णन ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के भारतीय विमान के लिए GE F414 जेट इंजन के एग्रीगेट को-प्रो प्रोफेसर के तौर पर टेक्नोलॉजी के लिए सलाह में तीन साल का समय लग सकता है। जून 2023 में मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान जीई एयरोस्पेस और एचएएल के साथ भारतीय विमान जेट इंजन बनाने के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे।

मोदी सरकार में 36 हजार 468 करोड़ का ऑर्डर दिया गया
अधिकारियों के मुताबिक, मोदी सरकार के दौरान 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट एमके 1ए तेजस जेट्स की बुकिंग के लिए 36 हजार 468 करोड़ का ऑर्डर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को दिया गया। पासपोर्ट बुक फरवरी 2024 तक शुरू होगी।

उन्होंने कहा कि LCA तेजस के अपडेटेड और कई घातक वर्जन LCA MK2 के वीडियो के लिए 9 हजार करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई है।

अब एलसीए के इंजन देश में ही रहेंगे
लड़ाकू विमान एलसीए मार्क 2 (तेजस एमके 2) और स्वदेशी एडवांस्ड डिवीजन कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एएमसीए) के पहले दो स्क्वड्रन के इंजन अब देश में हैं। भारत में रक्षा क्षेत्र को स्थान देने के लिए इस निर्णय पर काफी अहम विचार किया जा रहा है।

रक्षा एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने शनिवार (18 नवंबर) को बताया था कि अमेरिकी कंपनी जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) मिलकर ये इंजन बनाएंगी। अमेरिका से इसकी सार्वभौम मंजूरी मिल गई है।

अटल बिहारी वाजपेयी ने एयर प्लांट को तेजस नाम दिया था
करीब 18 साल की कड़ी मेहनत के बाद पिछले साल जनवरी 2001 को पहली बार इस स्वदेशी फाइटर जेट ने हिंदुस्तान के आसमान में उड़ान भरी थी। जब ये सब कुछ हो रहा था तो अटल बिहारी देश के प्रधानमंत्री थे। 2003 में क्वीन ने ही इसे ‘तेजस’ दिया था। तेजस नाम के वक्ता प्रधानमंत्री ने कहा था कि यह संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब ‘चमक’ होता है।

फाइनल एयरफोर्स को तेजस की जरूरत क्यों पड़ी?
पिछले पांच दशकों में 400 से ज्यादा मिग-21 के टुकड़े मंगाए जाने की वजह से भारत सरकार इसका जवाब चाहती रही थी। इसी मिग-21 की जगह पर लिया गया तेजस। इस विमान का वेट कम होने की वजह से यह समुद्री जहाज़ों से आसानी से ज़मीन और टेक ऑफ कर सकता है।

यही नहीं इसकी हथियार ले जाने की क्षमता मिग-21 से दोगुनी है। स्पीड की बात करें तो राफेल से 300 किमी प्रति घंटे की अधिकतम स्पीड की है।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *