नई दिल्ली17 मिनट पहले
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अगर लोकसभा-विधानसभा चुनाव के साथ होते हैं तो लोगों को दो अलग-अलग डेमोक्रेट में वोट दिया जाएगा। (फ़ोटो)
देश में विपक्ष और विधानसभा चुनाव एक साथ तकनीशियन जाने को लेकर विचार-विमर्श चल रहा है। गुरुवार 26 अक्टूबर को न्यूज एजेंसी पीटीआई ने लोकसभा चुनाव के लिए गोदामों से खबर दी कि आयोग को 30 लाख इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जरूरत होगी। इसके साथ ही चुनाव आयोग को तैयारी के लिए वर्ष का समय निर्धारित करना होगा।
एक ईवीएम में एक कंट्रोल यूनिट, कम से कम एक बैलेट यूनिट और एक पोर्टेबल चारपाई की मशीन ट्रायल (वीवीपीएटी) यूनिट शामिल है।
इसमें यह भी बताया गया है कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग को 30 लाख कंट्रोल यूनिट, करीब 43 लाख बैलट यूनिट और करीब 32 लाख वीवीपैट की जरूरत होगी। इसमें उन आश्रमों को रिज़र्व में रखना भी शामिल है, जिनमें उद्यम आने पर इकाई को बदला जा सकता है।
अभी 35 लाख वोट यूनिट की कमी
बटुआ के बोल्ट से न्यूज एजेंसी ने यह भी बताया कि अभी 35 लाख यूनिट की कमी है, जिसमें कंट्रोल, बैलेट और वीवीपैट यूनिट शामिल हैं।

2019 के आम चुनाव में 12.50 लाख पोलिंग बूथ बनाए गए थे।
…तब अलग-अलग ईवीएम में वोट पड़ेंगे
एक देश-एक चुनाव के आदर्श चुनाव आयोग ने कुछ महीने पहले लॉ कमीशन से बात की थी। साथ ही ईवीएम को रखने के लिए एटमी वेयरहाउसिंग सुविधा की भी बात दी।
अगर लोकसभा-विधानसभा के साथ चुनाव होता है तो लोग दो अलग-अलग ईवीएम (एक विधानसभा सीट के लिए, दूसरी विधानसभा सीट के लिए) में वोट डालेंगे। 2019 के लोकसभा चुनाव में 12.50 लाख की दुकानें बनीं।
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