एक्ट्रेस नोरा फतेही का डीपफेक वीडियो | नोरा साठी का डीपफेक वीडियो वायरल: फैशन ब्रांड के एडवर्टाइजिंग में चेहरा और आवाज, नोरा बोलीं- ‘फेक, यह मैं नहीं हूं’

मुंबई3 मिनट पहले

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रश्मिका मंदाना, कैटरीना कैफ, काजोल, आलिया भट्ट और प्रियंका चोपड़ा के बाद नोरा सहायी का डिपफेक सामने आया है। इसमें नोरा ड्रेसेस के ब्रांड का एडवर्टाइजमेंट दिखाई दे रहा है। नोरा ने अपनी सेक्सी स्टोरी पर इस डीपफेक वीडियो का शौक़ पोस्ट किया है। इसमें लिखा है ‘नकली, हैरान!!!’ यह मैं नहीं हूं’।

यह डीपफेक वीडियो क्या है?
नोरा का जो डीपफेक वाला वीडियो सामने आया है उसमें नजर आ रहा है कि वे फैशन ब्रांड की एंड ऑफ सीजन सेल का एडवरटाइजमेंट कर रही हैं। वीडियो बहुत ही परफेक्शन के साथ बनाया गया है। इसमें नोरा की आवाज, चेहरा और उनकी बॉडी लैंग्वेज को इस तरह से एडिट किया गया है कि देखने वाले को लगे कि ये नोरा ही हैं।

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, जिस फैशन ब्रांड के इस डीपफेक वीडियो में नाम दिख रहा है वह किसी तरह की स्कैम की बात बता रहा है। कंपनी ने कहा है कि यह अवेयरनेस डिपार्टमेंट का कंपनी के कैम्पेन में हिस्सा है।

दिल्ली पुलिस ने ईमानी नवीन को गिरफ्तार किया है।

दिल्ली पुलिस ने ईमानी नवीन को गिरफ्तार किया है।

रश्मीका का डीपफेक वीडियो बनाने वाला गिरफ्तार

अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के डीपफेक वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस यूनिट) साइबर क्राइम यूनिट ने आंध्र प्रदेश से 24 साल के इंजीनियर ईमानी नवीन को गिरफ्तार किया है। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने 10 नवंबर 2023 को इस मामले की एफआईआर दर्ज की थी।

पुलिस के मुताबिक, नाबालिग ईमानी नया रश्मीका मंदाना का फैन पेज था। लेकिन मूल वर्ष रश्मीका मंदाना का पेज फैन डाउनलोड के बाद भी उस पर सिर्फ 90 हजार फॉलोअर्स थे, जो वीडियो अपलोड करने के बाद 1 लाख 8 हजार हो गए। ये रश्मीका का फैन है। आईएसआईपी अपलोड वीडियो बनाने का मकसद एक्ट्रेस को लाइक करना नहीं था।

इंफ्रास्ट्रक्चर मेटा मॉनिट्स के माध्यम से पैसा कमाना चाहता था और अपने फॉलोअर्स की तलाश थी। इसलिए उसने यूट्यूब के चैनल से वीडियो एडिटिंग का कोर्स किया और रश्मीका मंदाना का डीपफेक बनाया। पूरी खबर पढ़ें

आने के बाद खुद का डीपफेक वीडियो सामने आया, जिसके बाद रश्मिका ने यह पोस्ट शेयर किया था।

आने के बाद खुद का डीपफेक वीडियो सामने आया, जिसके बाद रश्मिका ने यह पोस्ट शेयर किया था।

पीएम मोदी, सचिन तेंदुलकर भी हुए डीपफेक के शिकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी डीपफेक पर चिंता व्यक्त करते हैं। उनका एक डीपफेक वीडियो आया था. वहीं हाल ही में पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर का एक डीप पोस्ट वीडियो वायरल हुआ था। इसमें ‘स्काईवर्ड एविएटर क्वेस्ट’ गेमिंग ऐप का प्रोमोट दिखाया गया था। सचिन ने कहा था- यह वीडियो फेक है और धोखा देने के लिए दिया गया है।

पिछले साल नवंबर में एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें एआई टेक्नोलॉजी से एक इन्फ्लूएंसर के चेहरे पर रश्मिका का चेहरा मॉर्फ किया गया था। सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने रश्मिका के इस पोस्ट किए गए वीडियो को असल समझ लिया क्योंकि चेहरे के एक्सप्रेशन बिल्कुल रियल लग रहे थे।

खुद का डीपफेक वीडियो सामने आने के बाद सचिन तेंदुलकर ने यह पोस्ट शेयर किया था।

खुद का डीपफेक वीडियो सामने आने के बाद सचिन तेंदुलकर ने यह पोस्ट शेयर किया था।

आईटी मंत्रालय के नए नियम तैयार करने के लिए डीपफेक पर क्लिक करें
डीपफेक निषेध के लिए केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने 17 जनवरी को नए नियम तैयार करने के बारे में जानकारी दी। इसके मुताबिक, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नए टेक्नोलॉजी का उल्लंघन करेगा, उसके भारत में कारोबार पर रोक लगा दी जाएगी। मिनिस्ट्री के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और अन्य स्टेक होल्डर्स के बीच दो बार जॉब्स हुई हैं। तय हुआ कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म डीपफेक पेज को एआई के जरिए फिल्टर करने का काम करेंगे। आईपीसी की धारा और आईटी अधिनियम के तहत डिपफेक सामग्री संग्रहकर्ताओं पर केस दर्ज होगा। पूरी खबर…

डीपफेक क्या होता है और कैसे बनता है?

डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में इस्तेमाल किया गया था। तब अमेरिका के सोशल न्यूज एग्रीगेटर रेडिट पर डीपफेक पर कई सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे। इसमें एक्ट्रेस एमा वॉटसन, गैल गैडोट, स्कारलेट जोहानसन के कई अश्लील वीडियो थे।

किसी रियल वीडियो, फोटो या ऑडियंस में दूसरे के चेहरे, आवाज और एक्सप्रेशन को फिट करने के लिए डीपफेक नाम दिया गया है। ये इतनी सफाई से होता है कि कोई भी यकीन कर ले. इसमें असली भी वैसा ही दिखता है।

इसमें मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल स्टाफ का सहारा लिया जाता है। इसमें वीडियो और ऑडियंस को टेक्नोलॉजी और सॉफ्टवेयर की मदद से बनाया जाता है।

एआई और साइबर परमाणु ऊर्जा उपकरण प्रयोगशाला में अब रेडी टू यूज़ टेक्नोलॉजी और परमाणु ऊर्जा उपकरण उपलब्ध हैं। अब इसका कोई भी उपयोग कर सकते हैं। वर्तमान प्रौद्योगिकी में अब आवाज भी इम्प्रेशन की हो गई है। वॉइस क्लोनिंग में बेहद खतरनाक हो गया है।

डीपफेक वीडियो बनाने का तरीका…

  • सबसे पहली ऐसी फोटो या वीडियो की पहचान की जाती है, जिसमें नकली चेहरा और आवाज फिट की जा सके। वेबसाइट पर मेडिकल स्टोर्स के मास्टर्स और फेस शेप को फेस स्वैप कहा जाता है।
  • प्रोग्राम सेकेंड डिकोडर माइक्रोसॉफ्ट होता है। फेस स्वैप होने के बाद एक्सप्रेशन डाला जाता है। फिर एड किया गया है और वीडियो के एक-एक फ्रेम पर काम किया गया है, ताकि वीडियो असली लगे। 24 फ्रेम्स यानी 24 इमेजेज से मिलकर एक आजादी का वीडियो बनता है।
  • आर्टिफिशियल क्लिनिक ने ये काम और आसान किया है। पब्लिक डोमेन में कुछ ऐप पर जिन पर केवल फोटो होती है और संबंधित का लॉन्च किया गया वीडियो या फोटो तैयार होता है। इसके उदाहरण के तौर पर कई सोशल वीडियो चैट ऐप हैं जिनमें आप अपना फेस डिस्क्रिमिनेशन के लिए लाइव मास्क लगाते हैं या कभी क्राउन लगाते हैं।
  • कहते हैं कि जो प्रभावशाली एआई तकनीक से वीडियो बनते हैं उन्हें देखकर कोई भी मत खा सकता है। जब तक अपलोड किए गए वीडियो की सच्चाई पता चलती है, पीड़ित की इमेज हो जाती है। अमेरिका में हुई एक रिसर्च के अनुसार आमतौर पर 96% एआई बेस्ड डीपफेक वीडियो का उपयोग पोर्न बनाने में ही होता है।

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भास्कर प्लानर- डीपफेक क्या है, जिससे रश्मीका का वीडियो बनाया गया: एआई के लिए मैक्स एक्स कुछ सेकंड का काम; यह शिकार लोग क्या करें

ऊपर एक ही फ्रेम में दो तस्वीरें दिख रही हैं। प्रथम सुपरस्टार सेलिब्रिटी जरा पटेल के असली वीडियो की है और दूसरी डीपफेक टेक्नोलॉजी से रश्मीका मंदाना का फेस देखकर बनाए गए लाॅकडाउन वीडियो की। सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने रश्मिका के इस पोस्ट किए गए वीडियो को असली समझ लिया है क्योंकि इसमें दिख रहे एक्सप्रेशन बिल्कुल असली हैं। पूरी खबर पढ़ें…

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