एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे; महाराष्ट्र शिव सेना विधायक अयोग्यता मामला | देवेन्द्र फड़नवीस | महाराष्ट्र सरकार के अंतिम निर्णय पर निर्णय कल: ​शिंदे को मुख्यमंत्री पद दिया जाएगा; जापानी बोले- हमारी ही सरकार रहेगी

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मुंबई34 मिनट पहले

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 बेंचमार्क को लेकर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर कल निर्णय लेंगे।  - दैनिक भास्कर

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित 16 बेंचमार्क को लेकर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर कल निर्णय लेंगे।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समूह के 16 बिरादरी के दल पर, कल 10 जनवरी को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर निर्णय लेंगे। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, भाजपा के दोनों गुटों के फैसलों की सुनवाई पूरी कर ली है और न्याय की तैयारी कर ली है। इसे कानूनी विशेषज्ञ के पास अध्ययन के लिए भेजा गया है।

इसे लेकर महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री ने आज मंगलवार (9 जनवरी) को कहा है कि कल यंत्र का टूटना जो भी निर्णय हो, हमारी सरकार स्थिर रहेगी। उन्होंने कहा कि हमारा एलायंस कानूनी रूप से वैध है और हमें उम्मीद है कि कल स्टार्स का निर्णय भी हमारा पक्ष में ही आएगा।

उधर, स्टार्स नार्वेकर ने अपने जजमेंट सुनने की डेडलाइन से पहले महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे से दो बार मुलाकात की। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जज ने चार बार से दो बार मुलाकात की, इससे जनता समझ गई कि कल क्या फैसला होगा!

भास्कर विशेषज्ञ सिद्धार्थ शिंदे (सुप्रीम कोर्ट के वकील) का कहना है… पद पर पद से पद पर बैठे विधायक का नामांकन रद्द हो जाता है

विकल्प 1: यदि शिंदेसेना संवैधानिक घोषित हो
-मुख्यमंत्री शिंदे को तत्काल पद छोड़ना होगा। टेक्नोलोजी पर सरकार गिरहित। लेकिन, अजीतदादा गुट के पास बहुमत से बहुमत होने के कारण महायुति सरकार का गठन होगा, लेकिन मुख्यमंत्री कोई और नहीं होगा। हालांकि प्रतिबंधात्मक प्रतिबंध लगाए गए शिंदेमाइम शपथ नहीं लेंगे।

विकल्प 2: यदि शिंदेसेना उचित घोषित हो…
-शिंदे की सरकार, सहयोगी दल। टाटा ग्रुप ने पहले 16 बैच और बाद में 24 रिजर्व में नोटिस जारी किया था। इसलिए यह निर्णय सभी 40 बेंचमार्क पर लागू होगा। अजित गुट के विधायक सामूहिकता मामले में भी एक ही गुट के फैसले पर फैसला आने की संभावना है।

विकल्प 3: किसी को भी संवैधानिक नहीं ठहराया जाएगा
-शिवसेना ने 2018 में संविधान में बदलाव किया, लेकिन चुनाव आयोग से मुलाकात की बात नहीं कही और जनमत संग्रह के बल पर शिंदे को पार्टी और सिंबल दे दिया। विधानसभा अध्यक्ष कह सकते हैं कि इस आधार पर किसी को निर्णायक नहीं ठहराया जा सकता है। लेकिन यह अनुमान बहुत धूसर है।

-फैसले के खिलाफ कोर्ट का सहारा लिया जा सकता है

– गुटों के पास एक-दूसरे के खिलाफ याचिकाएं हैं। इसलिए, यदि शिंदे समूह उपयुक्त है, तो दावेदार समूह पात्र होगा, और यदि शिंदे समूह योग्य है, तो कार्यकर्ता का प्रमुख पात्र होगा. विधानसभा भंग होने से पहले बैचलरेट के पद भी रद्द करें। वह 2024 का चुनाव लड़ सकते हैं। यदि विधायक अध्यक्ष का निर्णय नहीं हुआ है, तो तिलक या शिंदे का समूह 30 दिनों के भीतर उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकता है। यदि न्यायालय ने इस निर्णय पर रोक लगा दी है तो वाहनों को राहत दी जाएगी। लेकिन राष्ट्रपति के फैसले पर रोक भी लगाई गई है।

नार्वेकर क्या करेंगे?
-कोर्ट ने साफ किया था कि शिंदे ग्रुप के प्रतोद भरत गोगावले की वकालत ‘अवैध’ थी। अब अगर विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर शिंदे गुट को वैध बनाना चाहते हैं तो उन्हें गोगावले के व्हिप को वैध बनाना होगा। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि वे इसे कानूनी गुट में भर्ती सरकार को ‘अपेक्षित’ परिणाम देते हैं या टेक की मांग को स्वीकार करते हैं।

क्या होगा टेक पर असर…
-अगर एकनाथ शिंदे ने विशिष्ट नियम दिए तो अब तक ‘पराजित’ रहे टाटा समूह की ताकत में बढ़ोतरी हो सकती है। अगर शिंदे उपयुक्त हो गए तो ठेकेदार और ‘सिपाही’ भी छोड़ सकते हैं।

क्या होगा शंदे पर असर…
-एकनाथ शिंदे ने बगावत के खिलाफ चुनाव लड़कर मुख्यमंत्री पद हासिल किया, अगर वह उपयुक्त हैं तो उनका नेतृत्व मजबूत है। संवैधानिक संकट में शामिल हो सकते हैं।

उद्धव ठाकरे ने विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री शिंदे की मुलाकात पर सवाल उठाए

पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष के मामले में पार्टी के विधायकों का समय बर्बाद हो जाएगा।

यूवी ठाकरे ने कहा कि ये सुनवाई साल भर से चल रही है। हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है। अगर कोई पागलपन भरा परिणाम आता है तो जनता को सब पता होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रतोद पद पर भारत गोगवले का चुनाव अवैध है। गुट नेता पद पर अजय चौधरी का चयन वैध है।

युथ ठाकरे ने कहा कि अगर जजों से मिलने जा रहे हैं तो हमें उन जजों से क्या उम्मीद करनी चाहिए? विपक्षी विपक्षी दल मामले में जज से पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच हुई मुलाकात पर दावे के साथ कहा गया कि टेक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा निकाला है।

..तो किस तरह के न्याय की उम्मीद की जाएगी?

ठाकरे ने कहा कि, निर्णय उनके हाट में है, राष्ट्रपति सर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से उनके घर पर दो बार मुलाकात की है। आई एस का मतलब यह है कि जज ग्राहक से मिलना। ऐसे में अगर वह मुख्यमंत्री से मिले तो कोई परेशानी नहीं है लेकिन जब केस चल रहा था तब उनकी मुलाकात हुई। आपको वैधानिक क़ानून विशेषज्ञ उल्हास बापट का अंतिम कथन अवश्य देना चाहिए, जो कि कितने समय से लगे हुए हैं। यह ऐसी स्थिति है जहां लोकतंत्र की हत्या हो रही है। वे वैद्य मिल रह रहे हैं। हम सर्वोच्च न्यायालय से निवेदन करते हैं कि यह आपकी नजर के सामने आ रहा है। युवा ठाकरे ने कहा कि यह एक ऐसा फैसला होगा जो तय करेगा कि देश में लोकतंत्र रहेगा या नहीं। बैसेम्बली की बैंडविड्थ पर रविवार को निर्णय आया।

शरद पवार ने कहा, संदेह पैदा होता है

प्रतिद्वंद्वी मामले के जजमेंट से पहले विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वे और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की मुलाकात में टूटे हुए शरद पवार ने कहा, जहां सामने कोई मामला है और जहां पास मामला है वे जा रहे हैं और मौजूद हैं और संदेह पैदा होता है। शरद पवार ने नार्वेकर को सलाह दी है कि राहुल नार्वेकर को अपनी छवि का ध्यान रखना चाहिए।

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