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चेन्नई5 मिनट पहले
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उदयोदय ने 10 सितंबर को बीजेपी की तुलना सांप से की थी। साथ ही उनके सहयोगी दल एआईएडीएमके को कूड़े का ढेर कहा गया था।
तमिल के यूथ डेमोनिस्टर और डीएमके नेता उदयनोदी स्टालिन ने सोमवार को एक बार फिर से अपने टिपणी के सनातन धर्म को नष्ट कर दिया।
उन्होंने कहा कि मेरी टिप्पणी में कुछ भी गलत नहीं था और मैं कानूनी तरीके से इस मुद्दे का सामना करूंगा। मैंने केवल अपनी एकांत पर बात की थी।
उदयनिधि ने कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा था जो पहले कभी नहीं कहा गया हो। डॉ. बीआर कॉम पेर और ईवी रामासामी भी ऐसी बात कह चुके हैं।
वास्तव में, 2 सितंबर को उदयनिधि ने कहा था कि सनातन धर्म और मलेरिया जैसी बीमारी एक बीमारी है और इसे जड़ से ख़त्म कर देना चाहिए।

उदयोदय ने 10 सितंबर को बीजेपी की तुलना सांप से की थी। साथ ही उनके सहयोगी दल एआईएडीएमके को कूड़े का ढेर कहा गया था।
मैं अपनी बात पर भाग: उदयनोदय
उदयनिधि ने सोमवार को नीट के खिलाफ डीएमके के सिग्नेचर कैम्पेन के तहत विदुथलाई चिरुथिगल काची पार्टी के प्रमुख थोल तिरुमावलवन से मिले थे। उन्होंने सनातन धर्म पर दिए गए बयान पर उच्चारित मद्रास की टिप्पणी से जुड़े प्रश्नों का उत्तर दिया।
असल में, मद्रास उच्च न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि उदयन स्टालिन और हिंदू धर्म एवं धर्मस्व मंत्री पीके शेखर बाबू के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करने वाली पुलिस की तरफ से बड़ा विवाद था।
इधर, इसी बयान को लेकर मद्रास उच्च न्यायालय में उदयनजी के खिलाफ एक और याचिका दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि सनातन धर्म पर टिप्पणी करते हुए उदयनिधि ने संविधान का खंडन किया है। इस याचिका में दावा किया गया है कि उदयनिधि ने अपने पद की शपथ का उल्लंघन किया है।

उदयनोदय ने सनातन की तुलना ड्राइंग-मलेरिया से की थी
तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने 2 सितंबर को चेन्नई में एक कार्यक्रम में सनातन धर्म के खिलाफ बयान दिया था। 4 दिन बाद 7 सितंबर को उन्होंने पहली बार सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं किसी भी धर्म का अनुयायी नहीं हूं।’ मेरे बयान का गलत मतलब निकल गया। मैं हिंदू धर्म सनातन धर्म के विरुद्ध नहीं हूं।’
सनातन धर्म विवाद पर उदयन्योदि ने कहा कि वह भविष्य में भी इसके खिलाफ रहेंगे। उन्होंने कहा, “तमिलनाडु में पिछले 100 सामुद्रिक धर्मों के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं। हम अगले 200 सामुद्रिक धर्मों के खिलाफ भी आवाज उठा रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि सनातन पर उनकी टिप्पणी कोई नई नहीं है। उदयनिधि ने कहा, अतीत में कई प्लास्टर पर, बी आर कॉम, पेरियार (डीके संस्थापक ई वी रामासामी) और एम करुणानिधि (पूर्व शिक्षक संरक्षक) ने इसके बारे में बात की थी।
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