उत्तर प्रदेश के मंत्री कैप्टन शुभम के परिवार के लिए चेक के साथ पोज़ देते हुए, जबकि उनकी मां फूट-फूट कर रो रही थीं, वीडियो | बिलखती मां यूपी के कैबिनेट मंत्री से बोलीं- प्रदर्शनी मत लगाओ, मुझे मेरा बटू चाहिए

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17 मिनट पहले

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रोटी हुई कैप्टन शुभम की मां और उन्हें चेक देते यूपी के मंत्री एलिजाबेथ उपाध्याय।  - दैनिक भास्कर

रोटी हुई कैप्टन शुभम की मां और उन्हें चेक देते यूपी के मंत्री एलिजाबेथ उपाध्याय।

कैप्टन शुभम गुप्ता राजौरी में शहीद हो गए हैं। आगरा में कैप्टन के घर की देहरी पर मां रो रही हैं। लोग आ-जा रहे हैं। माँ बदहवास हैं। बस एक बात की रट- ‘मुझे मेरा बेटा चाहिए’। उत्तर प्रदेश के मंत्री विश्वनाथ उपाध्याय अपने काफिले के साथ आते हैं। कुछ लोग मां को खींचते हुए कैमरे के सामने लाते हैं। एक नेता के पास 50 लाख रुपये के 3 चेक, एक-दूसरे को पकड़े गए हैं। फिर बिलखती मां के हाथों में थमाने हैं।

मां बोली जा रही हैं- ‘मुझे कुछ नहीं जन्मदिन।’ ये प्रदर्शनी मत लगाओ…’

कैप्टन शुभम की मां को चेक थमाने की कोशिश करने वाले मंत्री जेईएन उपाध्याय।

कैप्टन शुभम की मां को चेक थमाने की कोशिश करने वाले मंत्री जेईएन उपाध्याय।

उत्तर प्रदेश के सचिवालय में मंत्री जेईएन उपाध्याय और उनके सहयोगी काॅमिली को एक मां की मान्यता प्राप्त नहीं है। इस तस्वीर में दिख रही हैं बस ये बातें- तनी कमर, आयरन किए हुए व्हाइट लिबास, मोही का किरदार निभाते चेहरे, हाथों में चेक थामे गोलाबारी फोटो खानदानी नेताओं की रियाजी तस्वीरें।

किसी नेता का कोई अपनी सीमा पर शहीद तो शायद ही हुआ हो, लेकिन कोई अपना मर जाए तो भी इतनी ही ढिलाई छोड़ देगा क्या? मदद की नुमाइश की ऐसी भी क्या जल्दी थी कि बिलखती मां के आंसुओं को मंत्री जी सिर्फ चेक थमाने का ड्रामा कर लौट आए।

शहीद कैप्टन शुभम गुप्ता की मां चिल्लाती रहीं कि उन्हें सिर्फ उनके बेटे को चाहिए। दूसरी ओर सरकारी मदद का वीडियो बनाना मंत्री जी को बेहद जरूरी लगा कि ये भी नहीं देखा।

मां को ढांढस बंधाने और मदद का ड्रामा कर मंत्रीजी चले गए। शहीद का पार्थिव शरीर अपने घर पहुंच गया। अमर रहो के नारे लगे। मां शव देखकर फिर बिलख पात… उसकी तस्वीर छिपकर चिपका ली।

भारत मां का लाल अपनी मां से बिछड़कर सैनिकों की धरती के बीच पंचतत्व में विलीन हो गया।

बेटे शुभम के शव से लाली माँ।  साथ में माउंट अटैचमेंट और भारतीय सेना के जवान।

बेटे शुभम के शव से लाली माँ। साथ में माउंट अटैचमेंट और भारतीय सेना के जवान।

लेकिन, इस मौत पर मंत्रीजी ने जो दिखावे का जो मार्केट शेयर किया, वो मंजर सभी के मन में सवाल आया कि मां को सच्चा दिलसा देना जरूरी था या फिर सोशल मीडिया पर व्ही मांगने वाली फोटो।

कैप्टन शुभम का पार्थिव शरीर शुक्रवार को आगरा लाया गया।  सड़कों पर उतरे लोग और नारे लगे- शहीद शुभम अमर रहें।

कैप्टन शुभम का पार्थिव शरीर शुक्रवार को आगरा लाया गया। सड़कों पर उतरे लोग और नारे लगे- शहीद शुभम अमर रहें।

कैप्टन शुभम गुप्ता 22 और 23 नवंबर को मछुआरों के साथ हुए शहीद हुए थे। उनके साथ कर्नाटक के मंगलुरु के रहने वाले कैप्टन एम वी प्रांजल, पुंछ के निवासी हवलदार अब्दुल माजिद, उत्तराखंड के निवासी लांस नायक संजय बिष्ट और क्रिक्रेटर उत्तर प्रदेश के निवासी पैराट्रूपर सचिन लौहार भी शहीद हुए। मृत्यु से पहले हर कोई याद और दास्तां छोड़ गया है। पढ़ने के लिए क्लिक करें….

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