उत्तराखंड सुरंग बचाव लाइव अपडेट, मैनुअल ड्रिलिंग शुरू, उत्तराखंड सुरंग | हाथ से 0.9 मीटर पाइप खोदकर प्रार्थना करें, पीएम मोदी बोले- 0.9 मीटर पाइप पाइप के लिए प्रार्थना करें

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उत्तरकाशी9 मिनट पहले

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म्यूजिकयारा टनल में 12 नवंबर से फ़्लोरिडा 41 डायनामिक्स को निकालने के लिए एक तरफ वर्टिकल स्टार्टअप चल रही है, वहीं हॉरिज़ॉन्टल डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रैट माइनर्स पहुंच गए हैं।  - दैनिक भास्कर

म्यूजिकयारा टनल में 12 नवंबर से फ़्लोरिडा 41 डायनामिक्स को निकालने के लिए एक तरफ वर्टिकल स्टार्टअप चल रही है, वहीं हॉरिज़ॉन्टल डिस्ट्रीब्यूशन के लिए रैट माइनर्स पहुंच गए हैं।

उत्तराखंड की मिश्कायारा-डंडालगांव टनल में 12 नवंबर से आउट स्ट्रेंथ के लिए स्केट 41 आर्टिस्ट की कोशिशें जारी हैं। उधर, मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के दौरान उत्तराखंड में बारिश और ओलावृष्टि के खतरे की आशंका जताई है। बहुमत का कहना है कि मौसम में बदलाव से पूर्वावलोकन ऑपरेशन में बदलाव आ सकता है।

इधर, रेक्साइट टीम ने सोमवार दोपहर 3 बजे मियामीरा की तरफ से 13.9 मीटर लंबी मोटली ऑगर मशीन निकाली। उत्तराखंड शासन के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने बताया कि पाइप में चिपचिपी ऑगर मशीन के ब्लेड, साफ्ट और ब्लेड को बाहर निकाल दिया गया है। रैट माइनर्स ने नामांकित पाइपों को 0.9 मीटर आगे बढ़ाया।

अपर सचिव सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय महमूद अहमद ने बताया कि वर्टिकल स्टार्टअप का काम भी तेजी से चल रहा है। अब तक 36 मीटर वर्टिकल लॉन्च किया जा चुका है। मशीन के ब्लेड फ्लैपने की वजह से हॉरिज़ॉन्टलिंग 24 नवंबर से बंद हो गया था।

पीएम मोदी ने सोमवार शाम देशवासियों से उत्तरकाशी की गंगा में डूबे हुए अनुयायियों के लिए प्रार्थना करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें बाहर नाली में कोई कसार नहीं छोड़ना चाहती है।

फिल्म्यारा टनल में 27 नवंबर को फ्लॉपी ऑगर मशीन की ब्लेड लॉन्च की गई।

फिल्म्यारा टनल में 27 नवंबर को फ्लॉपी ऑगर मशीन की ब्लेड लॉन्च की गई।

16 दिन से 86 मीटर की वर्टिकल लॉन्चिंग के लिए 41 वर्टिकल लॉन्च जारी है। अब तक 31 मीटर खुदाई हो चुकी है। उधर, टनल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष सचिव पीके मिश्रा, गृह सचिव अजय के भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू भी क्षेत्र के स्क्रीनशॉट ऑपरेशन का दौरा कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष सचिव पीके मिश्रा ने रेस्ट्रेस्ट का कार्टून और एनिमेटेड फिल्म से बात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष सचिव पीके मिश्रा ने रेस्ट्रेस्ट का कार्टून और एनिमेटेड फिल्म से बात की।

रैट माइनर्स पर नैचुरल आर्किटेक्चर की जिम्मेदारी
दिल्ली के रहने वाले मिनच अपने सहयोगी रैट माइनर्स के साथ मिलियारा टनटल साइट पर पहुंच गए हैं। ये केरेसा रॉकवेल कंपनी में काम करते हैं। ये लोग मशहूर हस्तियों के रेस्तरां हैं। ये 2-2 के ग्रुप में टनल पैसेज में जाएंगे और बेचे गए 12 मीटर की हॉरिजॉन्टल डिजाइन को हाथों से अंजाम देंगे। अभ्यर्थियों का कहना है कि ये सभी टनल के इनसाइडर ऑफरिंग के लिए तैयार हैं।

क्या होते हैं रैट माइनर्स
चूहे यीज़ चूहा। निष्ठा से पैसेज में इनसाइडर ऑफर करने वाले शैतान को रैट माइनर्स कहते हैं। इस तरह से अपॉइंटमेंट लेने के लिए स्पेशल ट्रेनिंग, कोचिंग और काफी प्रैक्टिस की जरूरत होती है। ये रैट माइनर्स 800mm के पाइप में डॉयरेक्ट करेंगे।

रोबोट से बाइबिल की सेहत पर नजर

ये हैं लखनऊ के मिलिंद राज।  फ्रेंड्स का बनाया रोबोटिक टनल में दोस्ती की सेहत पर नजर।

ये हैं लखनऊ के मिलिंद राज। फ्रेंड्स का बनाया रोबोटिक टनल में दोस्ती की सेहत पर नजर।

टनल के अंदर 41 शैतानों पर नजर रखने के लिए रोबोटिक्स की मदद ली जा रही है। इसके लिए लखनऊ से एआई और रोबोटिक्स वेल्लोर मिलिंद राज को फोन किया गया है।

मिलिंद ने कहा- हम तीन बड़े काम करेंगे। एक- उनके स्वास्थ्य के बिहैवियर और 24X7 देखें। टनल के अंदर मूर्ति की किस्मत की स्थिति का पता लगाएंगे। दूसरा- टनल के अंदर अगर कोई गैस निकल रही है तो उसे पता लगाएं। तीसरा- टनल के अंदर जहां नेटवर्क भी ठीक से नहीं मिल पा रहा है, वहां हम हाई इंटरनेट इंटरनेट सिस्टम दे देते हैं।

24 नवंबर को हॉरिजॉन्टल बुकिंग बंद हो गई

लेजर कटर से ऑगर मशीन के हिस्सों को खोल दिया गया।

लेजर कटर से ऑगर मशीन के हिस्सों को खोल दिया गया।

टनल में मिक्यारा छोरे तक पहुंचने के लिए अमेरिकन ऑगर मशीन की खोज के जरिए पाइप लगाए जा रहे थे। शुक्रवार यानी 24 नवंबर को 12 मीटर पहले ऑर्थो की सुई से 12 मीटर पहले मशीन की ब्लेडें टूट गईं। इस वजह से अपलोड की गई फोटो। स्टॉक में रॉकेटिंग मशीन का भारी ब्लेड फ्लैप था। इसके पोर्टफोलियो लेजर और क्रेटेशियम के टुकड़ों को बाहर निकालने के लिए रखा गया है, मशीनों के सिरों को अभी भी टुकड़ों में पैक किया गया है।

86 मी. वर्टिकल लॉन्चिंग होटेल, 31 मीटर होल

वर्टिकल इंस्टॉलेशन मशीन रविवार शाम 7:30 बजे तक माउंटेन से टनल में 1.2 मिनट तक।  की गोलाई में 31 मी.  बोर किया।

वर्टिकल इंस्टॉलेशन मशीन रविवार शाम 7:30 बजे तक माउंटेन से टनल में 1.2 मिनट तक। की गोलाई में 31 मी. बोर किया।

वर्टिकल इंस्टॉलेशन मशीन रविवार 26 नवंबर शाम 7:30 बजे माउंटेन से टनल में 1.2 मिनट तक चलेगी। की गोलाई में 31 मी. की गहराई तक बोर किया गया। इस अवलोकन ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे एनएचआईडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने बताया कि यह मशीन 40 मी. वर्टिकल की नियुक्ति संभव है। इसके बाद बड़ी मशीन काम करती है। इसमें 100 घंटे (30 नवंबर) तक लग सकते हैं।

उन्होंने बताया कि यदि इस प्लाटिंग में भी प्लांट या बिट कहीं फंसता है तो इसे काटने के लिए मैग्नम कटर मशीन साइट पर किराए पर लिया जाता है। दूसरी ओर, टनल के अंदर सेना की इंजीनियरिंग कोर की 201 रेजिमेंट के 50 सोलोमन पाइप में मोटे ऑगर मशीन के सजावटी टुकड़े अलग से दिए गए हैं। अब मुंबई से बुलाए गए 7 सीवेज ऑपरेशंस पाइप्स में ग्राहक हाथों से मालबा तक का सफर।

टनटल में वर्टिकल इंस्टॉलेशन के लिए रिचर्ड ऑरेंज के टॉप फिट की जानकारी दी गई है।  यहां से नीचे की तरफ सीधी खुदाई हो रही है।

टनटल में वर्टिकल इंस्टॉलेशन के लिए रिचर्ड ऑरेंज के टॉप फिट की जानकारी दी गई है। यहां से नीचे की तरफ सीधी खुदाई हो रही है।

टनल में वर्टिकल कास्टिंग की योजना के तहत एनिमेटेड कार्टून तक की अंतिम बैठक में प्लान बी के तहत योजना बनाई गई। इस काम को सतलुज विद्युत निगम लिमिटेड (एसवीएनएल) अंजाम दे रहा है। इससे पहले बॉर्डर रोड ओर्गेन लार्ज (बीआरओ) के टुकड़ों ने ट्री वाइड माउंटेन की चोटी तक भारी मात्रा में ले जाने का रास्ता तैयार किया था।

अब जानिए हॉरिजॉन्टल इंस्टॉलेशन क्यों फेल हुई
असल, 21 नवंबर से मॉस्कोयरा की तरफ से टनटल में हॉरिजॉन्टल कॉस्टिंग की जा रही थी। इसमें काफी हद तक डॉल्फिन मिली। 60 मीटर के हिस्से से लेकर 47 मीटर तक पाइप डालने के लिए भुगतान किया गया था। 10-12 मीटर की दूरी तक करीब 10-12 मीटर की दूरी तय की गई थी, लेकिन शुक्रवार 24 नवंबर की शाम को कास्टिंग मशीन के सामने सारा और एक जाने से 10-12 मीटर की दूरी तय की गई।

जब मशीन से और सामान डाला गया तो टूट गया। इसका कुछ हिस्सा आउट हो गया, लेकिन बड़ा हिस्सा वहां अटक गया।

यह तस्वीर 23 नवंबर की है।  इंजीनियरों ने ऑगर मशीन के हिस्सों को बाहर निकाला।

यह तस्वीर 23 नवंबर की है। इंजीनियरों ने ऑगर मशीन के हिस्सों को बाहर निकाला।

टनल में खुदाई के दौरान ऑगर मशीन का शटर टूट गया।  25 नवंबर को यह बाहर चला गया।

टनल में खुदाई के दौरान ऑगर मशीन का शटर टूट गया। 25 नवंबर को यह बाहर चला गया।

वफ़ा से समझें कि मूर्ति को निकालने की कोशिश कैसे हो रही हैं…

अब तक क्या हुआ?

27 नवंबर: दोपहर 3 बजे मियामीरा की तरफ से 13.9 मीटर लंबी ओगर मशीन के टुकड़े निकाले गए। देर शाम तक ऑगर मशीन का हेड भी स्क्रैप से निकाल लिया गया। इसके बाद रैट माइनर्स ने नामकरण की शुरुआत कर दी। रात 10 बजे तक पाइप को 0.9 मीटर तक बढ़ाया गया। साथ ही 36 मीटर वर्टिकल सेटअप हो गया था।

26 नवंबर: उत्तरकाशी की मस्जिद्यारा टनल में झील 41 मठों को बाहर निकालने के लिए पहाड़ की चोटी से वर्टिकल की शूटिंग शुरू हो गई है। रात 11 बजे से 20 मीटर तक खुदाई हुई। वर्टिकल इंस्टॉलेशन के तहत पहाड़ में ऊपर से नीचे की तरफ बड़ा होल बनाकर रास्ता बनाया जा रहा है। अधिकारियों ने कहा- अगर कोई अनुशासनात्मक नहीं है तो हम 100 घंटे यानी 4 दिन में बाइबिल तक पहुंचेंगे।

25 नवंबर: शुक्रवार को ऑगर मशीन बिल्डर के अवशेष का काम शनिवार को भी रुका रहा। इंटरनेशनल टनलिंग पार्टनर्स अर्नाल्ड डिक्स ने कहा है कि अब ऑगर से टेस्टिंग नहीं होगी, न ही दूसरी मशीन इंट्रोड्यूस की जाएगी।

अन्य चार लोगों की मदद के लिए बाहर निकलें। बी प्लान के तहत टनल के ऊपर से वर्टिकल स्टार्टअप की तैयारी हो रही है। एनडीएमए का कहना है कि अब तक करीब 86 मीटर की खुदाई की जाएगी।

24 नवंबर: सुबह कास्टिंग का काम शुरू हुआ तो ऑगर मशीन के रास्ते में स्टील के पाइप आ गए, जिसमें पाइप मुड़ गए। स्टील के पाइपों और टनल में डाले जा रहे पाइपों के हिस्सों को बाहर निकाल दिया गया है। ऑगर मशीन भी खराब हो गई थी, उसे भी ठीक कर लिया गया।

इसके बाद ऑगर मशीन के लिए कास्टिंग फिर से शुरू हो गई, लेकिन टेक्निकल ग्लिच की स्टॉक टीम को ऑपरेशन में मदद मिली। उधर, एनडीआरएफ ने मॉक प्रोजेक्ट के लिए अमूर्त को तैयार किया है।

23 नवंबर: अमेरिकी ऑगर मशीन थ्री बार रोकनी पोस्ट। देर शाम विज्ञापन के तेज कूल होने से मशीन का मंच धंस गया। इसके बाद अगले दिन सुबह तक लॉन्चिंग पर रोक लगा दी गई। इससे पहले 1.8 मीटर की लॉन्चिंग हुई थी।

22 नवंबर: अंयथार्थ, उदित और बिजनेसमैन को डेस्टिनेशन में सफलता मिली। मॉस्कोयारा की तरफ से ऑगर मशीन से 15 मीटर की कीमत तय की गई। 41 सार्जेंट स्कॉर्पियो के दर्शनीय स्थल। दार्शनिकों की टीम को टनल के पास स्थापित किया गया। चिल्यानियासौद में 41 बेड का हॉस्पिटल तैयार किया गया।

21 नवंबर: एंडोस्कोपी के माध्यम से अंदर भेजा गया कैमरा और पहली बार देखी गई मूर्ति की तस्वीरें आई। उनकी बात भी कही गयी. सभी मजदूर ठीक हैं। बाइबिल तक 6 इंच की नई पाइपलाइन के माध्यम से खाना पकाने में सफलता मिली। ऑगर मशीन से लॉन्चिंग शुरू हुई।

केंद्र सरकार की ओर से 3 पदनाम नामांकन जारी किये गये। पहला- ऑगर मशीन के सामने 2 से 3 दिन का रिवाइवल नहीं था। दूसरा- टनल की ओर से खोदाई करके 10-15 दिन के उत्खनन में नहरों को खोदना। तीसरा- डंडालगांव से टनल खोदने में 35-40 दिन।

शिष्या के पास कैमरा पहुंच पर उन्होंने टीम से बात की और की थी।

शिष्या के पास कैमरा पहुंच पर उन्होंने टीम से बात की और की थी।

20 नवंबर: इंटरनेशनल टनलिंग रॉकेट्स ऑरनाल्ड डिक्स ने उत्तरकाशी इंस्टॉलेशन का सर्वेक्षण और वर्टिकल इंस्टॉलेशन के लिए 2 स्पॉट फाइनल किए। 6 इंच की नई पाइपलाइन के लिए बाइबिल को खाना देने की जानकारी मिली। ऑगर मशीन के साथ काम कर रहे मूर्ति के लिए छवि टनल बनाई गई। बीआरओ ने प्लास्म्यारा के पास वर्टिकल डिजाइन के लिए सड़क बनाने का काम पूरा कर लिया है।

19 नवंबर: प्रातः काल के मंत्री केंद्रीय पोर्टफोलियों और उत्तराखंड के सीएम पामर धामी उत्तरकाशी क्षेत्र, स्क्रीनशॉट ऑपरेशन के कलाकारों और परिवार के सदस्यों के शेयरों को लिया गया। शाम चार बजे प्लामिक्यारा एंड सेस्टैम्पटिंग शुरू हुई। खाना पकाने के लिए एक और टनल बनाने की शुरुआत हुई। टनल में जहां से मालबा गिरा है, वहां से छोटा रोबोट श्रमिक भोजन या रिजर्व टनल बनाने का प्लान बनाया गया।

18 नवंबर: निजीकरण का काम रुका रहा। खाने की कमी से बेरोजगारी की शिकायत की। पीएमओ के सलाहकार भास्कर खुल्बे और डिप्टी कंसल्टेंट मंगेश घिल्डियाल उत्तरकाशी। पांच स्थानों से स्थापना की योजना बनी।

17 नवंबर: सुबह की दो दवाइयाँ। उन्हें दवा दी गई। दोपहर 12 बजे हैवी ऑगर मशीन के रास्ते में पत्थर आगमन से रुकी। मशीन से टनल के अंदर 24 मीटर पाइप डाले गए। नई ऑगर मशीन को रात में इंदौर से गोपाल डिपो, जहां उत्तरकाशी के लिए भेजा गया था। रात में टनटल के दूसरी जगह से ऊपर से विचित्र लोगों को निकालने के लिए सर्वेक्षण किया गया।

16 नवंबर: 200 हॉर्स पावर वाली हैवी अमेरिकन कॉस्टिंग मशीन ऑगर का पूरा हुआ। शाम 8 बजे से वास्तुशिल्प शुरू हुआ। रात में टनल के अंदर 18 मीटर पाइप लगाए गए। मुख्यमंत्री पुस्र्ष सिंह धामी ने प्रतिष्ठा ऑपरेशन की समीक्षा बैठक की।

फोटो में दिख रहा है मस्जिद्यारा टनल एरिया है।  बाकी 12 नवंबर को टनटल धंसकने से 41 श्रमिक मजदूर घायल हो गए।  इसके बाद यहां पर आभूषण सहित कई आभूषण मौजूद हैं।

फोटो में दिख रहा है मस्जिद्यारा टनल एरिया है। बाकी 12 नवंबर को टनटल धंसकने से 41 श्रमिक मजदूर घायल हो गए। इसके बाद यहां पर आभूषण सहित कई आभूषण मौजूद हैं।

15 नवंबर: ऑगर मशीन के कुछ देर बाद अविष्कार ऑपरेशन के तहत कुछ तत्व खराब हो गए। टनटल के बाहर बाइबिल के पुलिस से कीमतें हुई। वे अवकाश ऑपरेशन में देरी से नाराज़ थे। पीएमओ के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली से एयरफोर्स का हरक्यूलिस विमान हेवी ऑगर मशीन लेकर चिल्यानीसौद हेलीपैड पहुंच गया। ये प्लांट विमान में ही फंस गया, जिसमें तीन घंटे बाद निकल कर जा सका।

14 नवंबर: टनल में कॉन्स्टेंट मिट्टी धंसने से नॉर्वे और अनुयायियों के स्नातकों की सलाह ली गई। ऑगर प्रशिक्षण मशीन और पर्यवेक्षक जैक को काम पर रखा गया। लेकिन लगातार मलबा आने से 900 वर्ष की आयु करीब 35 इंच मोटी पाइप असेंबली को आउटर स्ट्रेच का प्लान बनाया गया। इसके लिए ऑगर लॉन्चिंग मशीन और डेमोक्रेट जैक की मदद ली गई, लेकिन ये मछलियां भी खत्म हो गईं।

13 नवंबर: शाम तक टनल के अंदर से 25 मीटर तक मिट्टी के अंदर पाइप लाइन डाली गई। कंपनी मालबा आने से 20 मीटर बाद ही काम लाभ प्राप्त हुआ। कंसिस्टेंसी और खाना-पानी के माध्यम से पाइपों के निर्माण की शुरुआत हुई।

12 नवंबर: सुबह 4 बजे टनल में मलबा गिरना शुरू हुआ तो शाम 5.30 बजे तक मेन गेट से 200 मीटर तक भारी मात्रा में पानी जमा हो गया। टनल से पानी के निकास के लिए पाइप से ऑक्सीजन, दवा, भोजन और पानी अंदर भेजा गया। बचाव कार्य में एनडीआरएफ, आईटीबीपी और बीआरओ को शामिल किया गया। 35 हॉर्स पावर की ऑगर मशीन से 15 मीटर मालबा तक हटाई गई।

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