28 मिनट पहले
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प्रार्थनाएं…दुआएं…इंतजार…कामयाबी…खुशी…जश्न और उल्लास। ये सारे रंग 17 दिन के उस भागीरथ प्रयास के साथ हैं जिसके बाद उत्तरकाशी की ताल में फंसी 41 जिंदगियां वापस लौट आईं। सभी 41 मजदूर सुरक्षित हैं, दुनिया देख रहे हैं और हंस बोल रहे हैं। 12 नवंबर की सुबह ऐसी नहीं थी, जब ये गैंग के अंदर थे और वो टनल वॉल्क से प्लाटड थे। जीवन और मृत्यु के बीच 17 दिन का अंतर आसान नहीं था। जब हादसा हुआ, तब इन अविश्वासियों के मन में क्या चल रहा था? विचारधारा की कहानी जानिए नींद की जंजारी। वीडियो देखने के लिए ऊपर दिए गए फोटो पर क्लिक करें…