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- उत्तरकाशी सुरंग के लिए सर्वेक्षण 60 साल पहले किया गया था, लेकिन टन श्रीनगर फॉल्ट लाइन्स और गंगा-यमुना जलग्रहण क्षेत्र उत्तरकाशी सिल्क्यारा सुरंग ढहने के पीछे हो सकते हैं।
उत्तरकाशी14 मिनट पहलेलेखक: भरत सिंह
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![उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनटल धंसने से 41 श्रमिक वहां दो सप्ताह तक जुड़े रहे। यह आपदा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राकी में है। लेकिन सबसे जरूरी सवाल अब भी अपनी जगह पर है कि सिलक्यारा टनल क्यों धंसी? - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/25/comp-16-13_1700904479.gif)
उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल धंसने से 41 श्रमिक वहां दो सप्ताह तक जुड़े रहे। यह आपदा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राकी में है। लेकिन सबसे जरूरी सवाल अब भी अपनी जगह पर है कि सिलक्यारा टनल क्यों धंसी?
उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल धंसने से 41 मजदूर वहां दो सप्ताह से चले गए हैं। विश्व का सबसे व्यापक ऑपरेशन ऑपरेशन बन गया यह आपदा राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जारी है। दुर्घटना के बाद सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा है कि देश में बनी सभी 29 टनल की सहायक कंपनियों की समीक्षा की जाएगी। मगर सबसे जरूरी सवाल अब भी अपनी जगह पर है कि सिलक्यारा टनल क्यों धंसी?
इस सवाल पर जाने से पहले ये जान लें कि दुनिया की 30%