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- उत्तरकाशी सिल्क्यारा सुरंग ढहने से 40 मजदूर फंसे, बचाव अभियान का पांचवां दिन| उत्तराखंड चार धाम मार्ग
द7 मिनट पहले
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उत्तरकाशी में 12 नवंबर को शाम 4 बजे संगीत्यारा टनल का एक भाग नृत्य किया गया। आधा 4 किमी लंबा यह टनल यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मस्जिद्यारा और डंडलगांव के बीच बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक साधारण टनल डांस था। पिछले 90 घंटों से 40 श्रमिक श्रमिक काम कर रहे हैं। चारधाम परियोजना के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर तालम्यारा और डंडलगांव के बीच बनाया जा रहा है।
भूखे हुए श्रमिक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नेशनल हाईवे की 200 से अधिक लोगों की टीम 24 घंटे काम कर रही है।
इमेज टीम ने 14 नवंबर को स्टील पाइप्स फ़्लोरिडा को आकर्षित करने की शुरुआत की। इसके लिए ऑगर लॉन्चिंग मशीन और डॉक्टाइट जैक की मदद से 35 इंच के डायमीटर का स्टील टनल पाइप अंदर डालने की कोशिश की गई। हालाँकि, इसमें सफलता नहीं मिली।
इमेज ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे पीएमओ ने इसके बाद सेना को इसमें शामिल किया। अब सेना अपनी हैवी मशीन से इंस्टॉलेशन का काम करेगी। सेना का मालवाहक विमान हरक्यूलिस रविवार को मशीन लेकर चिन्यालीसौर हैलीपेड पहुंचा। यहां से मशीन सिलक्यारा लाई जाती है।
इंजीनियर और एडवांस्ड वास्तुशिल्प ऑर्डर जैन ने बताया- 14 नवंबर से 6 बार तक मालबा धसक का भुगतान किया गया है और 70 मीटर तक का भुगतान किया गया है। पहले जो कास्टिंग मशीन लगी थी, सिर्फ 45 मीटर तक ही काम हो सकता है, इसलिए बड़ी मशीन लगी है। टनल में सभी लोग 101% सुरक्षित हैं। मेरा मानना है कि कल शाम या रात तक सभी को सुरक्षित रूप से निकाला जाएगा।
इस बीच, शतरंज ने शतरंज की एक कंपनी से छुट्टी ले ली है, जो 2018 में वहां गुफा में 12 बच्चों को 2 शेयरों की बुकिंग के बाद सुरक्षित रूप से रवाना किया गया था। यही नहीं, नॉर्वेजियन जियोटेक्निकल इंस्टिट्यूट के सॉइल-रॉक स्टूडेंट्स से भी मदद ली गई है।
ग्राफिक से दर्शाया गया टनल से कैसे बाहर कार्यकर्ता…

जिस स्टील के पाइप के माध्यम से वाइटल को आउट किया जाएगा, उसकी लंबाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। टनल के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरा है, जो अब 70 मीटर हो गया है।
हैवी डेस्कटॉपिंग मशीन उत्तराखंड डिपो
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने बताया, प्रतिष्ठा के लिए हैवी कॉस्टिंग मशीन चिन्यालिसौ हेलीपैड से मस्जिद्यारा सुरंग तक पहुंच गए हैं। बेस तैयार करने के लिए इसे सत्यापित किया गया है। जल्द ही असेंबल करके नामांकन का काम शुरू कर दिया जाएगा। अंदर मोटे मजूदरों को पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। इसके अलावा पीने वाले पाइप में मसाले के माध्यम से चना और मुरमुरा के माध्यम से भी बचा जा सकता है।
अवकाश में देरी से नाराज शैतान की पुलिस से पुतले
इधर, रविवार सुबह टनल के बाहर कुछ मृगतृष्णा की पुलिस से स्टॉक हो गया। इस रिटायरमेंट ऑपरेशन में हो रही देरी से नाराज हैं। उम्मीद मांगी गई थी कि प्रशासन हमें टनल के अंदर जाने दे, हम अपने साथियों को बाहर निकालेंगे।
ग्राफिक के माध्यम से जानें कहां हुआ हादसा…

सबसे बड़े झारखंड के
राज्य डीजेस्टर के अनुसार, टनल के झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर शामिल है। बचाव कार्य देखने के लिए यहां के सीएम पुष्वर सिंह धामी ने बताया- सभी श्रमिक सुरक्षित हैं, मॉक वॉकी-टोकी के माध्यम से संपर्क किया गया है। खाना-पानी की सुविधा जा रही है।
एक गब्बर सिंह नेगी के बेटे की पुतली में से एक को मंगलवार को उसके पिता से कुछ याद दिलाने के लिए बात करने की जानकारी दी गई। आकाश सिंह नेगी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया- मेरे पिता सुरक्षित हैं। उन्होंने हमसे चिंता न करने को कहा।
प्लांट नहीं होने की वजह से टनटल का 60 मीटर हिस्सा धांसा
एनडीआरएफ के कमांडर और कमांडर कर्मवीर सिंह ने बताया- साढ़े 4 किलोमीटर लंबी 14 मीटर की इस दीवार को टनल के शुरुआती बिंदु से 200 मीटर तक बनाया गया था। उसके आगे कोई प्लास्टिसिन नहीं था, जिसके कारण ये हादसा हुआ।
घटना की जांच के लिए कमेटी बनायी गयी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को जनगणना ऑपरेशन को लेकर अंतिम बैठक की घोषणा की। धामी ने बताया- हम विश्वसनीयता ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से एक भी घटना की मॉनिटरिंग जारी है। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए छह मूर्ति समितियां बनाई हैं। समिति ने आज जांच भी शुरू कर दी है।
दर्शन ऑपरेशन की तस्वीरें…

यह टनल का प्रारंभिक भाग है। अधिकारियों का कहना है यहां से 200 मीटर टनल धंसी के अंदर।

14 नवंबर को मशीन मंगाई गई थी। डीजीपी ने कहा- रविवार को एयरफोर्स की मदद से हैवी इंस्टॉलेशन मशीन लाई जाएगी।

ऑगर डिजाइनिंग मशीन के माध्यम से चिप्स के अंदर स्टील पाइप डाले जाएंगे। कौन सा मार्ग मजदूर बाहर निकलता है।

रविवार को हैवी लॉन्चिंग मशीन उत्तराखंड के चिन्यालीसौड हेलीपैड पर प्रवेश।

रिक्वेस्ट टीम के सामने दिख रही है इस रिकार्ड को हटाने का प्रयास जारी है। इसके पीछे श्रमिक कामगार हैं।

टनल के इनसाइड हेल्प से पिछले तीन दिन से कॉन्स्टेंट का काम चल रहा है।

ये टनल के अंदर की तस्वीरें हैं। एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह से ब्लॉक हो गया।
चारधाम परियोजना का हिस्सा यह टनल है
यह टनल चार धाम रोड परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। 853.79 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है टनल हर सीजन में ओपन रहेगी। यानी कि प्रोजेक्ट के दौरान भी लोग आना-जाना कर सकते हैं। इसके बनने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी तक कम होगी।
पूर्वी, समुद्र तट के बीच राडी टाप क्षेत्र में यमुनोत्री राजमार्ग बंद हो जाता है। जिसमें यमुना घाटी के तीन तहसील मुख्यालय बड़कोट, पुरोला और मोरी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है। चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और राडी टैप में चट्टानों की समस्या से निपटने के लिए यहां ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत डबल लेन सुरंग बनाने की योजना बनी है।


ग्राफ़िक : पुनीश्वर
चित्रण : गौतम गौतम