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- उत्तरकाशी सिल्क्यारा सुरंग ढहने से बचाव अभियान में 40 मजदूर फंसे| उत्तराखंड चार धाम मार्ग
द4 मिनट पहले
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![उत्तरकाशी में 12 नवंबर को शाम 4 बजे संगीत्यारा टनल का एक भाग नृत्य किया गया। आधा 4 किमी लंबा यह टनल यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मस्जिद्यारा और डंडलगांव के बीच बनाया जा रहा है। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/14/tunnel-gif-14-11_1699980406.gif)
उत्तरकाशी में 12 नवंबर को शाम 4 बजे संगीत्यारा टनल का एक भाग नृत्य किया गया। आधा 4 किमी लंबा यह टनल यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर मस्जिद्यारा और डंडलगांव के बीच बनाया जा रहा है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी में 12 नवंबर की सुबह 4 बजे एक साधारण टनल डांस था। पिछले 72 घंटों से 40 श्रमिक श्रमिक काम कर रहे हैं। चारधाम परियोजना के तहत यह टनल ब्रह्मखाल और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर तालम्यारा और डंडलगांव के बीच बनाया जा रहा है।
भूखे हुए श्रमिक बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के हैं। नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रा इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नेशनल हाईवे की 200 से अधिक लोगों की टीमें 24 घंटे काम कर रही हैं।
एनएचआईडीसीएल के निदेशक तकनीकी अतुल कुमार ने सोमवार को बताया कि टनल से मलबा हटाने के दौरान लगातार मिट्टी धंस रही है। इसके बाद में समस्या आ रही है। हमने अब स्टील पाइप्स के बैचलर को आकर्षित करने का प्लान बनाया है। इसके लिए मंगलवार 14 नवंबर से प्लेसमेंट का काम शुरू हो गया है।
उत्तरकाशी के वकील अभिषेक रुहेला ने कहा, अगर बच्चों के लिए आवेदन करना है तो 15 नवंबर को रविवार से 15 नवंबर तक आवेदन रद्द कर दिया जाएगा।
900MM वाइज 35 इंच के डायमीटर का स्टील पाइप टनल के अंदर डाला जा रहा है। सभी श्रमिक सुरक्षित हैं। उन्हें पाइप के जरिए ऑक्सीजन, खाना-पानी और दवा दी जा रही है।
ग्राफिक से दर्शाया गया टनल से कैसे बाहर कार्यकर्ता…
![जिस स्टील के पाइप के माध्यम से वाइटल को आउट किया जाएगा, उसकी लंबाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालाँकि 13 नवंबर को बताया गया था कि टनल के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरा है, लेकिन इसमें से 20 मीटर के हिस्से को ही साफ किया जा सकता है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/14/tunnel-rescue-gif2_1699966875.gif)
जिस स्टील के पाइप के माध्यम से वाइटल को आउट किया जाएगा, उसकी लंबाई के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हालाँकि 13 नवंबर को बताया गया था कि टनल के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरा है, लेकिन इसमें से 20 मीटर के हिस्से को ही साफ किया जा सकता है।
ग्राफिक के माध्यम से जानें कहां हुआ हादसा…
![](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/14/_1699963526.jpg)
सबसे बड़े झारखंड के
राज्य डीजेस्टर के अनुसार, टनल के झारखंड के 15, उत्तर प्रदेश के 8, ओडिशा के 5, बिहार के 4, पश्चिम बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल प्रदेश का एक मजदूर शामिल है। बचाव कार्य देखने के लिए यहां के सीएम पुष्वर सिंह धामी ने बताया- सभी श्रमिक सुरक्षित हैं, मॉक वॉकी-टोकी के माध्यम से संपर्क किया गया है। खाना-पानी की सुविधा जा रही है।
एक गब्बर सिंह नेगी के बेटे की पुतली में से एक को मंगलवार को उसके पिता से कुछ याद दिलाने के लिए बात करने की जानकारी दी गई। आकाश सिंह नेगी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया- मेरे पिता सुरक्षित हैं। उन्होंने हमसे चिंता न करने को कहा।
प्लांट नहीं होने की वजह से टनटल का 60 मीटर हिस्सा धांसा
एनडीआरएफ के कमांडर कर्मवीर सिंह ने बताया- साढ़े 4 किलोमीटर लंबी 14 मीटर चौड़ी इस टनल टनल के स्टर्लिंग प्वाइंट से 200 मीटर तक बनाई गई थी। उसके आगे कोई प्लास्टिसिन नहीं था, जिसके कारण ये हादसा हुआ।
घटना की जांच के लिए कमेटी बनायी गयी
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को जनगणना ऑपरेशन को लेकर अंतिम बैठक की घोषणा की। धामी ने बताया- हम विश्वसनीयता ऑपरेशन की पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्रालय की ओर से एक भी घटना की मॉनिटरिंग जारी है। उत्तराखंड सरकार ने घटना की जांच के लिए छह मूर्ति समितियां बनाई हैं। समिति ने आज जांच भी शुरू कर दी है।
दर्शन ऑपरेशन की तस्वीरें…
![यह टनल का प्रारंभिक भाग है। अधिकारियों का कहना है यहां से 200 मीटर टनल धंसी के अंदर।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/13/comp-42-3_1699841792.gif)
यह टनल का प्रारंभिक भाग है। अधिकारियों का कहना है यहां से 200 मीटर टनल धंसी के अंदर।
![रुकावट के बीच में स्टील के पाइप लगाए जाएंगे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/14/comp-122_1699931218.gif)
रुकावट के बीच में स्टील के पाइप लगाए जाएंगे।
![टनल के इनसाइड हेल्प की पिछले दो दिनों से कॉन्स्टेंट का काम चल रहा है।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/14/d_1699930885.gif)
टनल के इनसाइड हेल्प की पिछले दो दिनों से कॉन्स्टेंट का काम चल रहा है।
![ये टनल के अंदर की तस्वीरें हैं। एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह से ब्लॉक हो गया।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/12/2-9_1699773599.jpg)
ये टनल के अंदर की तस्वीरें हैं। एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह से ब्लॉक हो गया।
![अवलोकन के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के 200 लोग शामिल हुए हैं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/11/12/comp-3-4_1699775615.gif)
अवलोकन के लिए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, नेशनल हाईवे के 200 लोग शामिल हुए हैं।
चारधाम परियोजना का हिस्सा यह टनल है
यह टनल चार धाम रोड परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। 853.79 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हो रही है टनल हर सीजन में ओपन रहेगी। यानि कि प्रोजेक्ट के दौरान भी लोग आना-जाना कर सकते हैं। इसके बनने के बाद उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम के बीच की दूरी 26 किमी तक कम होगी।
पूर्वी, समुद्र तट के बीच राडी टाप क्षेत्र में यमुनोत्री राजमार्ग बंद हो जाता है। जिसमें यमुना घाटी के तीन तहसील मुख्यालय बड़कोट, पुरोला और मोरी का जिला मुख्यालय उत्तरकाशी से संपर्क कट जाता है। चारधाम यात्रा को सुगम बनाने और राडी टैप में चट्टानों की समस्या से निपटने के लिए यहां ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत डबल लेन सुरंग बनाने की योजना बनी है।
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