इटान राम मांझी साक्षात्कार अपडेट; बिहार महागठबंधन सीएम ऑफर | नीतीश कुमार – बीजेपी | एनडीए छोड़ो के सवाल पर भड़के जीतन राम बुद्धि: समर्थकों को अपशब्द बोले, जूतों से पीटने की बात कर अंतरविरोध

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पटना28 मिनट पहलेलेखक: उत्कर्ष सिंह

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बिहार में जीते राम जेडीयू की पार्टी HAM के 4 विधायक नई सरकार में शामिल हैं.  नापसंद के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है।  - दैनिक भास्कर

बिहार में जीते राम जेडीयू की पार्टी HAM के 4 विधायक नई सरकार में शामिल हैं. नापसंद के बेटे संतोष सुमन को मंत्री बनाया गया है।

‘बिहार में बहार है, बिन विचारधारा सब बेकार है’ बिहार में नई एनडीए सरकार बनी है, नीतीश कुमार एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री बन गए हैं। इस दौरान एनडीए के घटक दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा यानी HAM के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम दीक्षित के सरकारी आवास के बाहर लगे पोस्टर गठबंधन सरकार में उनके घटक दल जोर दे रहे हैं।

अविश्वास की पार्टी के पास भले ही 4 विधायक हों, लेकिन एनडीए सरकार में विश्वास ही वो ‘कुशन’ हैं, जो नई सरकार को स्थिरता के साथ मजबूती में मदद करेंगे। एनडीए के घटक दल और घटक दल हैं, इसी के साथ सबसे पहले केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय और फिर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चौधरी जीतन राम विश्वास से उनके घर मुलाकात की गई थी।

इतना ही नहीं, हम खेमे से ये भी खबर आई कि वैल्यूएशन यादव ने मुख्यमंत्री के साथ अन्य ऑफर ऑफर स्टॉक में आने का ऑफर दिया था, जिसके बाद पार्टी की तरफ से कहा गया कि वो पीएम मोदी के साथ हैं और साथ रहेंगे ।।

बिहार में आदर्श लिफ्टपटक के बीच डेली भास्कर ने पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम आस्था से एक्सक्लूसिव बात की है। किसी भी मीडिया इंस्टिट्यूट का किसी भी मीडिया संस्थान में पहला इंटरव्यू दिया गया है। अविश्वास ने पीएम मोदी पर भरोसेमंद वफादार और अपने ऊपर उठ रहे सवालों को लेकर मीडिया से नाराजगी जताई।

विश्राम ने कहा, ‘आपसशब्द ने कहा, ‘तुमसे प्यार करने तक की बात कह दी।’ अविश्वासे के दोस्तों ने इंटरव्यू बीच में ही छोड़ दिया। पढाई किताब ने क्या कहा-

प्रश्न: सरकार बनाने की प्रक्रिया में ही नित्यानंद राय और सम्राट चौधरी चौधरी आप तक पहुँच गए थे, क्या बातें याद आईं?

उत्तर उत्तर: कोई सत्य की बात नहीं है, अपने में विचार-विमर्श का मामला था, क्यों? हम एनडीए के दल हैं, एनडीए में भी नरेंद्र मोदी और अमित शाह के काफी करीब हैं। विषम परिस्थितियों में क्या करना चाहिए, कैसे करना चाहिए, महल का निर्माण कैसे होना चाहिए, वे लोग इन सभी बातों पर चर्चा के लिए आए थे। मनाना शब्द कहाँ से आया है। हम नहीं हैं ये सब।

सवाल: बीजेपी को कहीं ये डर तो नहीं था कि आप दोस्तों के साथ चले जाएं। ये खबरें भी आईं कि आपको किस स्मार्टफोन से सीएम पद की पेशकश की गई थी?

उत्तर उत्तर: कोई सवाल ही नहीं, सब मीडिया का हो गया है। मुख्यमंत्री भी बने और मुख्यमंत्री से हटे भी। ये सब फालतू बात है, ऐसा कुछ नहीं है। मीडिया वालों की दूसरी तरफ उछालने का सिलसिला जारी है। मीडिया वाले आपके को बहुत बड़े तत्व हैं कि हम लोग ही जो हैं, सो हैं। या ऐसी चैट-पैट खबरें देखकर अपनी टीआरपी पाना चाहते हैं, तो बढ़ा लें। दूसरे को गिले करना ऐसा नहीं करना चाहिए। ये तो मेरी सत्यनिष्ठा पर अविश्वास हुआ।

सवाल: लेकिन ये खबरें तो आपकी पार्टी की तरफ से ही आई थीं कि आपको समाजवादी पार्टी ने सीएम पद का ऑफर दिया था?

उत्तर उत्तर: किसने कहा, कहां से आया कि हमको मुख्यमंत्री बनाने का ऑफर आया है। ये कहाँ से आये, बताओ। और जिसके पास ये छाप है, अगर वो ड्रू न दे, तो उसे पीटना चाहिए। ये कोई सवाल नहीं है, हम लोग कहां रहते हैं, बिल्कुल सही चट्टान की तरह बने रहते हैं।

नीतीश जी के भी साथ थे, तो एकदम परफेक्ट रॉक की तरह अड़े थे। उन्होंने खुद हमको बाहर किया। उन्होंने कहा कि आप हमारी पार्टी में मर्ज हो जाएं, जो हमारे लोगों को गंवारा नहीं था। इसलिए हमने कहा कि हम मर्ज नहीं करेंगे। तब उन्होंने कहा कि बाहर जाओ. तो बाहर चले आओ।

इसका मतलब क्या है नीतीश कुमार जी के साथ मेरा कोई विश्वासघात का मामला था। कोई हम लोगों के समर्पण का मामला नहीं था, मामला यही था कि उन्होंने मर्ज करने को कहा और हम मर्ज क्यों करते हैं।

हम जैसे ही वहां (गठबंधन) से निकले, नरेंद्र मोदी ने हमें एनडीए का दल बना लिया। और जो उन्होंने हमें तरजीह दी, एनडीए की बैठक में, उनके बाद के खाने में, छोटे जी के जन्मोत्सव कार्यक्रम में सभी लोगों से मुख्य विचारधारा हमारा नाम लेकर उन्होंने बात की।

चुनाव में वो लोग जहां-जहां गए, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, राजस्थान में मेरा नाम लिया गया कि तबके के एक नेता हैं नीतीश कुमार, उल्टी-सीधी बात बोल दी थी। ये सम्मान कोई माफ़ी नहीं। वहां जो सम्मान का पता ही नहीं है, तो इन लीक मीडिया वालों ने हमें अपमानित किया है। अगर पहले की बात ऐसी हो तो हमें मीडिया पर मुकदमा करना चाहिए।

प्रश्न: सपनों में साल में क्या आपने भी कई बार गठबंधन और साधन बदले हैं?

उत्तर उत्तर: उसका कारण है. हमने नरेंद्र मोदी को कभी नहीं हटाया। नीतीश कुमार को हम महान समाज सेवक थे। 2005 और 2010 के बीच नीतीश कुमार ने बिहार में जो काम किया, वो काबिलेतारीफ था। हम उसके कायल थे।

इसलिए हमारी कसम खाई थी कि नीतीश जी जब तक आप रहेंगे, आपके साथ नहीं छोड़ूंगा। नीतीश कुमार ने जब पलटी मारी, तो लाचारी में हम भी दोस्त बन गए। हमने पलटी नहीं मारी थी। हमने कभी पार्टी नहीं बदली। आज भी एनडीए के साथ हैं।

नरेंद्र मोदी और अमित शाह के साथ पूरी ईमानदारी से हैं। अगर इसमें कोई **** करता है, बदमाशी करता है, अगर वो मिला तो ऐसे लोगों को जूतों से पीटा जाना चाहिए। जो कहता है कि हमें मुख्यमंत्री का ऑफर मिला था।

किसी की गलती नहीं कि हम अपनी पार्टी को ठीक करने की बात बोल सकते थे। इस तरह की पीत पत्रकारिता नहीं करनी चाहिए।

सवाल: जिस खटास के साथ आप नीतीश कुमार अलग हुए थे, अब एनडीए में उनकी वापसी के बाद क्या मिठास बनी रहेगी या अब खटास आ गए हैं?

उत्तर उत्तर: राज्यहित और आविष्कार में आदमी काम करता है। वो गलत संगत में पड़ गए थे, इस तरह बिहार की कानून व्यवस्था बहुत खराब हो गई थी। विकास की दिशाएं दूसरी जगह जा रही हैं। निर्माण हो गया था, अब वो सही जगह पर आ गए हैं।

हम लोग ठीक से काम करेंगे तो निश्चित रूप से प्रशंसा के पात्र बनेंगे और हम लोग उनके कदम-से-कदम आगे चलेंगे, ताकि बिहार आगे बढ़े।

प्रश्न: नीतीश कुमार ने इंडिया एलायंस की रहस्योद्घाटन किया…

जीतन राम आज़मीत ने सवाल बीच में किया गया साक्षात्कार समाप्त कर दिया गया।

बिहार की राजनीति भास्कर के कार्टूनिस्ट की नजरिए से…

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