मुंबई3 मिनट पहले
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इजरायल-फिलिस्तीनी जंग के बारे में बात करते समय एक प्रोफेसर और एक गेस्ट स्टूडेंट की स्टूडेंट की मांग को लेकर आईआईटी बॉम्बे के बाहर शनिवार को विरोध प्रदर्शन किया गया।
के अनुसार सांमारेनिटी और सोशलिस की प्रोफेसर शर्मिष्ठा साहा और अतिथि कलाकार सुधन्वा देशपांडे ने 6 नवंबर को छात्र पाठ्यक्रम एचएस 835 के तहत एक बातचीत के दौरान दोस्ती और सशस्त्र विद्रोह के बारे में और बातें कीं।
विवेक विचार मंच के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि देशपांडे ने फिलिस्तीनी अपराधी जकारिया जुबैदी का महिमामंडन किया था। जिसने कथित तौर पर अल-अक्सा शहीद ब्रिगेड का हिस्सा होने का आरोप लगाया है, जिसे कई आतंकियों ने संगठन घोषित कर रखा है। 2015 में उनसे मुलाकात की बात भी विचारधारा की।
6 नवंबर को हुई बातचीत के पीछे का मकसद जानने के लिए साहा और देशपांडे के फोन कॉल और ईमेल से जांच की मांग की गई। साथ ही कहा कि आईआईटी बॉम्बे के प्रोफेसर को नौकरी से हटाया जाना चाहिए।
पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में बताया गया कि यह बातचीत आईआईटी बॉम्बे में पढ़ने वालों को असामाजिक तत्वों और सांप्रदायिक नारों के बारे में बताती है।
7 नवंबर को पुलिस को दिए गए पत्र में कुछ अज्ञात लोगों ने दावा किया था कि साहा ने देशपांडे जैसे स्टेज को डिजिटल बातचीत के लिए मुस्लिम के लिए अपने पद का अनुचित उपयोग किया था। इनके बारे में उनका दावा था कि वे कट्टरपंथी चातुर्य थे।
पुलिस को सौंपे गए पत्र में दावा किया गया है कि इस तरह की घटनाएं आईआईटी बॉम्बे की एकेडमिक इंटीग्रिटी और स्टूडेंट के लिए नामांकित हैं, क्योंकि वे गहनता से जुड़े सिद्धांतों को बढ़ावा देते हैं।