मुंबई5 मिनट पहले
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नंदन ब्लूकनी ने जून में $38.5 मिलियन (₹315 करोड़) के साथ आईआईटी बॉम्बे को सबसे बड़ा व्यक्तिगत योगदान दिया था।
रिज़र्व बॉम्बे को पूर्व छात्रों (पूर्व छात्रों) ने 57 करोड़ रुपये दान किये हैं। ये सिल्वर मनी जुबली रीयूनियन सेलिब्रेशन के उद्देश्य नीचे दिए गए हैं। इसके लिए 1998 बैच के 200 से अधिक पूर्व छात्रों ने सामूहिक सभा की थी।
पहचान में इस पैसे का इस्तेमाल रोबोट और आर्टिफिशियल एजेंसी (एआई) लैब में किया जाएगा। साथ ही छात्रों के लिए स्कॉलरशिप भी शुरू होगी।
आईआईटी बॉम्बे को किसी पूर्व बच्चे से मिली यह सबसे बड़ी कीमत है। इससे पहले 1971 में बैचलर के मित्र ने संस्थान को 41 करोड़ रुपये दिए थे।
प्रबंधन बोले- ये पैसा विकास में मदद चाहता है
बॉम्बे के डायरेक्टर प्रोफेसर शुभाशीष चौधरी ने कहा- मैं 1998 के बॉम्ब के लिए उनकी उदारता हूं। यह निधि के विकास में मदद चाहता है। प्रो. चौधरी ने कहा कि यह फंड छात्रों के लिए स्टूडेंट और इकोफ्रैंडली स्टूडेंट, मेकरस्पेस लैब बनाएगा। यह फंड अपनी तरह का पहला आर्किटेक्ट कोष बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। डोनेटर्स में एक पूर्व सक्सेना ने कहा- हमने सुझाव दिया है कि ये फंडर्स अगले तीन से चार साल तक रहेगा।
डोनेटर्स में ये पूर्व छात्र शामिल हैं
पैसा इकठ्ठा करने वालों में अपूर्व सक्सेना, शैलेन्द्र सिंह, दिलीप जॉर्ज, सुजुकी टेलीकॉम, संदीप जोशी, मोहन लालमाराजू, अनुपम इब्राहिम और विशाल शाह शामिल हैं। हालाँकि यह कितना पैसा दिया गया, यह नहीं बताया गया। सक्सेना ने कहा- व्यक्तिगत वैयक्तिक हित चाहता है लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि किसी भी योगदान में कुल योगदान से ज्यादा कुछ नहीं है।
पहले भी एलुमिनी चाहने वालों ने दिया था दान
यह किसी क्लास का दिया गया, सबसे बड़ा संयुक्त दान है। इससे पहले 1971 के बैक ने अपने स्वर्ण जयंती समारोह के लिए ₹41 करोड़ की पेशकश की थी।
नंदा और आईआईटी बॉम्बे के निदेशक प्रोफेसर शुभाशीष चौधरी ने बेंगलुरु में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
- नंदन ब्लूकनी ने जून में संस्थान के लिए $38.5 मिलियन (₹315 करोड़) का योगदान दिया था, जो कि सबसे बड़ा व्यक्तिगत योगदान था, जो उनके पिछले अनुदान में कुल ₹85 करोड़ था। पढ़ें पूरी खबर..
- अगस्त में, एक एनालॉग पूर्व छात्र ने हरित ऊर्जा और स्थिरता अनुसंधान केंद्र के माध्यम से जलवायु अनुसंधान के लिए $18.6 मिलियन (₹153 करोड़) का योगदान दिया था।