अल नीनो के प्रभाव के कारण फरवरी में खत्म होगा सर्दी का मौसम | इस बार ठंड का मौसम छोटा रहेगा, ठंड कम रहेगी; फरवरी में हीट होने वाली हॉस्टल

नई दिल्ली17 मिनट पहलेलेखक:​​​​​​​​​​अनिरुद्ध शर्मा

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जिस अल-नीनो की वजह से बारिश कम हुई, उसका असर अब आसमां पर भी है। विश्व मौसम संगठन और अमेरिकी मौसम एजेंसी के अनुसार, अल-नीनो के उत्तरी गोलार्ध में मई 2024 तक सक्रिय रहने की संभावना 85% है। इसका असर समुद्री सतह का तापमान अभी औसत से 1.3 डिग्री तक चल रहा है। समुद्री तट पर फरवरी-अप्रैल 2016 के बाद पहली बार प्रवेश हुआ।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के पूर्व सचिव एवं मौसम विज्ञान डॉ. माधवन नायर राजीवन ने यूरोपियन सेंटर फॉर मीडियन रेंज वेदर फोरकास्ट्स मॉडल के समुच्चय से बताया कि अल-नीनो की वजह से सोने वाली झील में ठंड ज्यादा नहीं है।

ठंड का मौसम भी छोटा रहेगा, यानी ठंड के दिन कम रहेंगे। नवंबर से फरवरी तक तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, इसलिए शीत लहर की दर कम है। इधर, भारतीय मौसम विभाग ने अभी तक ग्लोब के सीजन का असाउथ जारी नहीं किया है।

नवंबर से फरवरी तक तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, इसलिए शीत लहर की दर कम है।

नवंबर से फरवरी तक तापमान सामान्य से अधिक रहेगा, इसलिए शीत लहर की दर कम है।

अल-नीनो का असर ये भी कि जल्दी शुरू होगा
अल-नीनो की वजह से वातावरण का तापमान सामान्य से अधिक रहता है और पश्चिमी विक्षोभों की आरती में वृद्धि होती है। अक्टूबर में इसका नमूना देखने को मिला था। पिछले 21 दिनों में 5 पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं।

इसका प्रभाव यह हो सकता है कि समुद्र तट का आगमन समुद्र तट की तुलना में जल्दी होगा। नवंबर के पहले सप्ताह में ही ठंड का असर नजर आया। उत्तर के मैदानों में रात का तापमान अभी 13-15 डिग्री तक पहुंच गया है। अब दिन का तापमान भी घटेगा।

सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ कम, इसलिए उद्यम भी घटेगी
शीत लहर या शीत ऋतु के मौसम में पश्चिमी विक्षोभ के मौसम के बाद की तालिका है, जब पहाड़ों की सर्द हवाएँ मैदानी क्षेत्रों में दिखाई देती हैं और आकाश बिल्कुल साफ़ होता है। लेकिन, इस बार सीरियल भी सामान्य से कम रह सकता है।

विशेषज्ञ कह रहे हैं कि सक्रिय-प्रभावशाली पश्चिमी विक्षोभों की संख्या कम रहेगी। नवंबर से फरवरी के बीच 4 से 6 पश्चिमी विक्षोभ प्रति माह आते हैं, जो इस बार 3 या 4 तक हो सकते हैं। वैश्विक वैश्विक संरचना में भी बदलाव आ रहे हैं।

सीज़न ने इस बार समुद्र तट पर भी कम होने की संभावना जताई है।

सीज़न ने इस बार समुद्र तट पर भी कम होने की संभावना जताई है।

कड़क ठंड के दौर भी 1-2 दिन के, पहले ये 4-5 दिन के होते थे
10-12 साल में कड़क ठंड वाले दिनों की संख्या लगातार घट रही है। इस बार अल-नीनो की वजह से सर्द दिन काफी कम रह सकते हैं। एक दशक पहले तक सर्द दिनों का जादू 4-5 दिन रहता था। इस बार सिर्फ 1-2 दिन के सर्द दिन आ सकते हैं।

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