अरविंद केजरीवाल सरकार बनाम एलजी; दिल्ली मुख्य सचिव नियुक्ति विवाद | CJI बोले- केंद्र और LG मिलकर 5 नाम तय करें, दिल्ली सरकार एक को चुन ले

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नई दिल्ली23 मिनट पहले

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सीजेआई ने कहा कि क्यों न एलजी और केंद्र सरकार के भवनों का एक दल तैयार करें, और दिल्ली सरकार उनमें से किसी एक का नाम फाइनल कर ले।  - दैनिक भास्कर

सीजेआई ने कहा कि क्यों न एलजी और केंद्र सरकार के भवनों का एक दल तैयार करें, और दिल्ली सरकार उनमें से किसी एक का नाम फाइनल कर ले।

केंद्र सरकार और दिल्ली एलजी सुप्रीम कोर्ट को लेकर दिल्ली में चीफ़ क्रिसेंटल की एसोसिएशन को ही दोषी ठहराया गया। इस पर सीजेआई दिवाई चंद्रचूड़ ने पूछा कि एलजी वीके सक्सेस और सीएम अरविंद केजरीवाल इस पद के लिए आवास पर चर्चा क्यों नहीं कर सकते।

सीजेआई ने कहा कि क्यों न एलजी और केंद्र सरकार के भवनों का एक दल तैयार करें, और दिल्ली सरकार उनमें से किसी एक का नाम फाइनल कर ले।

दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि केंद्र बिना किसी सलाहकार के मुख्य सचिव की पेशकश को कैसे आगे बढ़ा सकता है, जबकि नया कानून चुनौती दे रहा है।

दिल्ली सरकार ने केंद्र के खिलाफ रैली निकाली थी
कोर्ट का यह फैसला आप के हस्तक्षेप के बाद आया, जिसमें दिल्ली सरकार ने कोर्ट के लिए स्थायी मुख्य सचिव नरेश कुमार को पद पर नियुक्त किया या एक नए अधिकारी की नियुक्ति की।

यह चुनौती उस रसायन शास्त्र को दी गई, जिसे केंद्र सरकार ने उपभोक्ताओं की पोस्टिंग पर नियंत्रण दिया था। दिल्ली सरकार का तर्क था कि ऐसी नियुक्तियां बिना डॉक्टरी परामर्श के नहीं की जा सकेंगी। दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार 30 नवंबर को पद पर आसीन हो रहे हैं।

कोर्ट में क्या-क्या दिया गया…
कोर्ट में दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिभाषक मनु सिंघवी पेश हुए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के प्रमुख संघ के सलाहकार हमेशा दिल्ली सरकार ही हैं। मैं जिस पर आधारित हूं वह एलजी का असामान्य निर्णय है।

केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पेश किया गया, जिन्होंने दिल्ली सेवा घोटाले का दस्तावेजीकरण किया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले इन नियुक्तियों में संशोधन किया था। कोर्ट ने मामले में अगली सुनवाई 28 नवंबर की तारीख तय की है।

स्कार्पियो ने चीफ़ स्टाफ़ पर ₹897 करोड़ का आरोप लगाया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 20 नवंबर को द्वारका एक्सप्रेस-वे में कथित घोटालेबाज में मुख्य सचिव नरेश कुमार को पद से हटा दिया था। इस पर एलजी विनय सक्सेना कुमार ने रविवार को विचार करने से इनकार कर दिया।

15 नवंबर को एलजी विनय कुमार सक्सेना पर चिट्ठी राइटर कुमार पर 897 करोड़ रुपये की कमाई का आरोप लगा था। 19 नवंबर को एलजी सक्सेना ने इस रिपोर्ट में पुरानी धारणाओं और अनुमानों पर आधारित विद्वानों पर विचार करने से मना कर दिया।

दिल्ली में बने द्वारका एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में छात्रों की याचिका पर दिल्ली के विजलेंस मंत्री आतिशी ने जांच की थी। आतिशी ने बताया कि नरेश कुमार ने अपने बेटे से जुड़ी कंपनी पर 897 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किया है।

रिपोर्ट का मकसद सच्चाई जानना नहीं, राजनीति करना: एलजी
एलजी विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि सीएम की ओर से विजीलेंस मिनिस्टर रिपोर्ट की बंद लाइफफे में मिली थी, लेकिन ये तो पहले से ही पब्लिक डोमेन में मौजूद है और इसकी डिजिटल कॉपियां सभी के पास हैं। मीडिया ने इस पर कई खबरें दी हैं।

सक्सेना ने कहा- प्रारंभिक तौर पर ऐसा लगता है कि इस जांच का मुख्य उद्देश्य सच्चाई जानना नहीं है, बल्कि मीडिया निष्कर्ष निकालना है, लोगों के बीच धारणा बनाना और अदालतों को अनाड़ी बनाना है। साथ ही इस मामले पर राजनीति करना भी है।

खबरें और भी हैं…

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