अयोध्या राम मंदिर राम लला मूर्ति मूर्ति प्रतियोगिता अपडेट | अयोध्या समाचार | भास्कर एक्सक्लूसिव- रामलला की मूर्ति मंदिर में लगेंगी: इनमें से गर्भगृह में लगने वाली मूर्ति पर निर्णय काशी के आचार्य

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अयोध्या4 मिनट पहले

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मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि जो भी छोटा बच्चा है, वो कम से कम 1 घंटे तक परिसर में रुकेगा।  - दैनिक भास्कर

मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया जा रहा है कि जो भी छोटा बच्चा है, वो कम से कम 1 घंटे तक परिसर में रुकेगा।

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के 20 दिन बाकी हैं, लेकिन, अब तक ये तय नहीं हो पाया है कि गर्भ गृह में श्री राम की कौन सी मूर्ति होगी। मंदिर प्रबंधन ने तीन मूर्तिकारों के आभूषणों का चयन किया, जिनमें से एक को अंतिम रूप दिया गया।

लेकिन, मंदिर ट्रस्ट में हाल ही में हुई बैठक में गर्भगृह की मूर्ति पर एक राय नहीं बनी थी। ऐसे में अब मंदिर के ट्रस्टियों का कहना है कि मूर्तिकारों के बीच किसी भी तरह का कॉम्पिटीशन ना करवाकर तीर्थ ही भव्य राम मंदिर में स्थापित किया जाएगा। हालाँकि, गर्भ गृह में कौन-सी मूर्ति का अंतिम निर्णय काशी के आचार्य गणेश्वर शास्त्री ही शेष हैं।

त्रिमूर्ति तीन तलों पर सबसे अच्छा मांगलं
मंदिर में मूर्ति स्थापना को लेकर राम मंदिर के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल ने दैनिक भास्कर से फोन पर बात की। उन्होंने बताया, ‘राम मंदिर में बनी सभी मूर्तियां बेहद सुंदर और मजबूत हैं। ट्रस्ट की हाल ही में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि तीर्थ को रामलला के दरबार में ही स्थापित किया जाएगा। ‘तीसरी संख्याएं प्रथम, सूची और सबसे ऊपर वाले तल में स्थापित की जाएंगी।’

दो मूर्तियाँ काले पत्थर की, एक संगमरमर की
कामेश्वर कहते हैं राज आगे कहते हैं, ‘तीनों ही मूर्तिकार दो दक्षिण (गणेश बट्ट, अरुण योगी) से हैं और एक मूर्तिकार सत्य नारायण पांडे राजस्थान के हैं। दक्षिण की मूर्तियां काले पत्थर की हैं। जहां राजस्थान के मूर्तिकार द्वारा निर्मित जा रही प्रतिमा संगमरमर की है। ऐसे में किस वर्ण का प्रतिमान 22 तारीख को गर्भ ग्रह में पिस्टन निर्णय आचार्य गणेश्वर शास्त्री ही बेचा जाता है।’

वहां राम के वास्तु से लेकर विराजित होने वाली मूर्तियां और गर्भ ग्रह में विराजित होने वाली वस्तुएं ले जाकर आचार्य गणेश्वर शास्त्री ने मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख भी तय की थी। ऐसे में अब गणेश्वर शास्त्री के निर्णय से यह साबित होगा कि गर्भ ग्रह में मूर्तियों से कौन सी मूर्ति बनेगी।

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