अयोध्या राम मंदिर झारखंड सरस्वती देवी मौन व्रत कथा | अयोध्या | 85 साल की उम्र, राम-मंदिर के लिए 31 साल से मौन: 22 जनवरी को व्रत तोड़ेंगी; केंद्रीय मंत्री बोले- हर गांव में प्राण प्रतिष्ठा लाइव होंगे

नई/दिल्लीरांची11 मिनट पहले

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सरस्वती देवी ने 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद मौन व्रत लिया था।  जब राम मंदिर बनेगा तब ये अंतिम उद्घाटन किया गया।  - दैनिक भास्कर

सरस्वती देवी ने 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाने के बाद मौन व्रत लिया था। जब राम मंदिर बनेगा तब ये अंतिम उद्घाटन किया गया।

अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अंतिम चरण में हैं। कार्यक्रम के लिए यूनिवर्सल में उत्साह है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को देशवासियों से दीये की अपील कर रहे हैं। अब राम मंदिर निर्माण को लेकर कई कहानियां भी सामने आ रही हैं। झारखंड के 85 साल के बुजुर्ग सरस्वती देवी के दर्शन 31 साल से मौन व्रत ले हुए हैं।

सरस्वती देवी के परिवारवालों का कहना है कि 1992 में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद से ही वे मौन हो गए थे। उन्होंने (सरस्वती देवी) प्रार्थना की थी कि वे उसी समय मौन व्रत तोड़ देंगे, जब राम मंदिर प्रकट होगा। सरस्वती देवी मृतकों की रहने वाली हैं। वे परिवार के साथ राम मंदिर का उद्घाटन दर्शन 8 जनवरी की रात को अयोध्या में आयोजित हो रहे हैं।

वहीं, केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम देश के हर गांव में लाइव (सीधा प्रसारण) दिखाया जाएगा। आज़ादी के बाद देश में वोट का सबसे बड़ा कार्यक्रम चल रहा है।

चार साल से पूरी तरह से मौन धारण किये हुए हैं

सरस्वती देवी अधिकतर वक्ता साधना में लीन रहती हैं।  सहयोगी हैं कि महंत नृत्य गोपाल दास की प्रेरणा से उन्होंने मौन व्रत रखा।

सरस्वती देवी अधिकतर वक्ता साधना में लीन रहती हैं। सहयोगी हैं कि महंत नृत्य गोपाल दास की प्रेरणा से उन्होंने मौन व्रत रखा।

सरस्वती देवी की मूर्तियाँ अयोध्या में मौनी माता के नाम से प्रतिष्ठित हैं। हम लोगों से वे यूक्रेनी में बात करते हैं। कोई कठिन बात कहनी हो तो लिखी हुई कहानियाँ हैं।

परिवारवालों ने ये भी बताया कि 1992 से 2020 तक वे दो में एक घंटा बोलती थीं। जिस दिन (5 अगस्त 2020) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी, तब से वे पूरी तरह से मौन हैं।

सरस्वती देवी के 55 साल के बेटे राम अग्रवाल कहते हैं- 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद ढहाने के दिन मां ने प्रण लिया था कि जब तक राम मंदिर बनकर तैयार नहीं होंगे, तब तक राक्षस बने रहेंगे। जब से मंदिर के उद्घाटन की तारीख की घोषणा हुई है, तब से वह बेहद खुश हैं।

सरस्वती देवी के इलाके में रहने वाले हरेराम ने बताया- 8 जनवरी की रात को वे गंगा-सतलुज एक्सप्रेस से अयोध्या के लिए निकल रहे हैं। 22 जनवरी को वे मौन व्रत तोड़ेंगे।

‘कलाकार हमेशा मौन ही देखा’

सरस्वती देवी अयोध्या निकलीं।  वे एन्जिल्स मौन व्रत धारकगी।

सरस्वती देवी अयोध्या निकलीं। वे एन्जिल्स मौन व्रत धारकगी।

सरस्वती देवी अपने दूसरे बेटे नंदलाल अग्रवाल के साथ रहती हैं। नंदलाल भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के कर्मचारी हैं। नंदलाल की पत्नी ईनू बताती हैं- हमारी शादी के कुछ महीने बाद ही वे मौन हो गईं। वे भगवान राम की आराधना में ही लीन रहते हैं। वे अपनी बात टॉक में कहते हैं। ज्यादातर कुछ समझाना हो तो लिखी हुई कहानियाँ हैं।

ये भी बताता है कि मेरी सास (सरस्वती देवी) सुबह चार बजे उठ जाती हैं और 6-7 घंटे ध्यान में रहती हैं। 2001 में उनके चित्रपट में 7 महीने की तपस्या भी थी।

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अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला अपने मंदिर में विराजमान हो रहे हैं। इस स्वर्णिम क्षण की प्रतीक्षा में लाखों रामभक्त दर्शन गड़ाए बैठे हैं। तीसरे में एक रामभक्त ऐसा भी है, जिसने अयोध्या के होटल में रामलला को देखकर संकल्प लिया था कि जब तक प्रभु अपने घर में नहीं रहेंगे, तब तक राम नाम लिखेंगे।​​​​​​ पूरी खबर पढ़ें…

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