अमित शाह म्यांमार | भारत म्यांमार सीमा मुक्त आंदोलन पर अमित शाह | भारत-म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट बंद: गृह मंत्री शाह का फैसला; सीमा पर फेंसिंग की भी घोषणा की गई थी

नई दिल्ली12 मिनट पहले

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आतंकवादी अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दोनों देशों के बीच फ्री मूवमेंट को बंद करने की घोषणा की।  (फोटो) - दैनिक भास्कर

आतंकवादी अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दोनों देशों के बीच फ्री मूवमेंट को बंद करने की घोषणा की। (फ़ॉलो फोटो)

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि मंत्रालय ने भारत-म्यांमार के बीच फ्री मूवमेंट रिजीम (एफएमआर) को खत्म करने का फैसला लिया है। इन दोनों देशों के बीच सीमा के पास रहने वाले लोगों की मुक्ति बंद हो गई है।

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स प्लेटफॉर्म पर कहा- भारत की आंतरिक सुरक्षा और उत्तर-पूर्व राज्यों की डेमोग्राफिक को बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इससे पहले अमित शाह ने असम में 20 जनवरी को भारत-म्यांमार के बीच सीमा पर फेंसिंग की घोषणा की थी। दोनों देशों के बीच 1600 किमी लंबी सीमा है।

क्या होता है FMR?
भारत म्यांमार के बीच 1600 किलोमीटर की सीमा है। 1970 में दोनों देशों के बीच फ्री लीव का समझौता हुआ। इसे ही फ्री लीव रिजीम कहा जाता है। आखिरी बार इसे 2016 में रिन्यू किया गया था। इससे दोनों देशों के लोग एक दूसरे क्षेत्र में बिना किसी दस्तावेज़ के जाने की निकासी करते हैं।

म्यांमार के 600 सैनिक मिजोरम में घुस आये थे
शाह ने यह घोषणा करते हुए कहा कि जब म्यांमार में विद्रोही गुटों और सेना के बीच लड़ाई तेज हो रही है। मीडिया सिद्धांत के अनुसार नवंबर से अब तक भारत में 600 सैनिक घुस आए थे। मिजोरम सरकार ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र से मदद की छूट दी थी।

मीडिया एथिमेट के अनुसार जनवरी में म्यांमार से भागे सैनिकों ने मिजोरम के लांग्टलाई जिले के तुईसेंटलांग में असम राइफल्स के पास शरण ली थी। फोर्स ने बताया कि पश्चिमी म्यांमार राज्य में एक हथियारबंद विद्रोही गुट अराकान आर्मी (एए) के उग्रवादियों ने अपने शिविरों पर कब्जा कर लिया था, जिसके बाद वे भागकर भारत आ गए।

तस्वीर लांग्टलाई जिले के बांडुकबंगसोरा गांव में स्थित है।

तस्वीर लांग्टलाई जिले के बांडुकबंगसोरा गांव में स्थित है।

अराकान आर्मी म्यांमार के सबसे पसंदीदा विद्रोही गुट
एक दशक में अराकान आर्मी ने म्यांमार में सबसे महान विद्रोही गुट को गोली मार दी। मिजोरम और म्यांमार के चिन प्रांत के बीच 510 किलोमीटर लंबी सीमा है।

भारतीय सीमा को कैसे आसानी से पार कर सकते हैं
यंग मिजो एसोसिएशन के सचिव लालनुंतलुआंगा कहते हैं कि भारत और म्यांमार की सीमा से इधर-उधर जाना आसान है। सीमा के दोनों तरफ 25 किमी तक जाने की छूट है। ऐसे में म्यांमार से लोग आसानी से भारत पहुंच जाते हैं।

आइजॉल के नेशनल जॉनसन कॉलेज के प्रोफेसर डेविड लालरिन्हाना का कहना है कि म्यांमार की चीन और मिजोरम के मिजोरम के लोगों के बीच अच्छा माहौल है। ये अपने को एक-दूसरे के पूर्वज मानते हैं। इसका कारण यह है कि चीन के मछुआरों का मिजोरम में सहयोग है।

म्यांमार में फरवरी 2021 में तख्तापलट के बाद से अवैध इमारतों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान करीब 40 हजार आदिवासियों ने मिजोरम में पनाह ली। वहीं करीब 4 हजार रिफ्यूजी मुख्यालय।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद सेना ने तख्तापलट की घोषणा की
फ़रवरी 2021 में म्यांमार में सेना ने डेमोक्रेटिक सरकार को सस्ते में कब्ज़ा कर लिया। वहां के स्टेट काउंसलर आंग सान सू और राष्ट्रपति विन मिंट समेत कई नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया था.

इसके बाद एसोसिएटेड जनरल मिन आंग हलिंग ने खुद को देश का प्रधानमंत्री घोषित कर दिया था। सेना ने देश में 2 साल के अंतराल की घोषणा की थी। इसके बाद से म्यांमार में गृह युद्ध चल रहा है, बड़ी संख्या में लोग शामिल हो गए हैं। मिजोरम पुलिस के मुताबिक, कुछ महीनों से भारत-म्यांमार सीमा के आसपास सामान की खरीदारी हो रही है। हजारों की संख्या में म्यांमारी लोग भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे हैं।

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अपनी ताकत का विस्तार करने में तकनीकी कंपनियां अपने पड़ोसी देशों के आंतरिक हथियारों का भी फायदा उठा रही हैं। फरवरी 2021 में जब म्यांमार की सेना ने तीसरी सरकार पर कब्ज़ा कर लिया, तो चीन ने इसे ‘बड़ा अपराधी’ कहा था। पढ़ें पूरी खबर…

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