अमित शाह असदुद्दीन औवेसी; संसद बजट सत्र अपडेट | अयोध्या राम मंदिर बाबरी मस्जिद | ओवैसी बोले- क्या मोदी सिर्फ मजहब की सरकार: बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे, शाह ने कहा- घर में रहना नहीं चाहिए

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नई दिल्ली6 मिनट पहले

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बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर मुद्दे पर चर्चा की।  - दैनिक भास्कर

बजट सत्र के आखिरी दिन लोकसभा में अमित शाह और असदुद्दीन ओवैसी ने राम मंदिर मुद्दे पर चर्चा की।

संसद में बजट सत्र के आखिरी दिन राम मंदिर निर्माण के लिए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई। दोपहर 2:30 बजे गृह मंत्री अमित शाह 30 मिनट का भाषण। उन्होंने कहा- गुजरात में एक कहावत है कि घर में पैर नहीं रखना। जब देश पूरा आनंद में हो तो आप भी इसमें शामिल हो जाएं। इसी में कीमत है।

शाह से पहले AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी थी। उन्होंने दो बार बाबरी मस्जिद जिंदाबाद के नारे लगाए। उन्होंने मोदी सरकार से सवाल करते हुए पूछा कि क्या मोदी सरकार सिर्फ एक मजहब की सरकार है? या पूरे देश के धर्मों को मानने वाली सरकार है?

4 पॉइंट में जानिए ओसाकी और शाह की बड़ी बातें…

1. राम नाम को लेकर

अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि इस देश में राम और रामचरितमानस के बिना कोई नहीं हो सकता। राम का चरित्र और राम इस देश के जनमानस के प्राण हैं। जो राम के बिना भारत की कल्पना करते हैं वो भारत को नहीं जानते। राम करोड़ों लोगों की आस्था के प्रतीक हैं। उन्होंने बताया कि आदर्श जीवन कैसा जीना चाहिए, प्रतिबंध को अधिकतम कहा गया है। उधर ओवैसी ने कहा- मैं राम की प्रतिष्ठा करता हूं लेकिन नाथूराम से नफरत करता हूं क्योंकि उस व्यक्ति की हत्या के बाद अंतिम शब्द ‘हे राम’ थे।

2. बाबरी मस्जिद को लेकर

बाबरी मस्जिद पर आए फैसले को लेकर अमित शाह ने कहा- फैसला पसंद हो तो स्वीकार कर लेना, पसंद ना आए तो सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाना सही नहीं है। इस निर्णय ने भारत के पंथ निरपेक्ष चरित्र को प्रभावित किया। दुनिया में कोई देश ऐसा नहीं है, जहां बहुमत वाले समाज ने अपनी इतनी लंबी लड़ाई वाली लड़की बनाई हो। उरसी ने कहा- मेरा ईमान कहता है कि जिस जगह पर मस्जिद थी, वहां बाबरी मस्जिद है और रहेगी। बाबरी मस्जिद जिंदाबाद-जिंदाबाद, भारत जिंदाबाद, जय हिंद।

3. संसद-संविधान का ज़िक्र

ओसासी ने कहा, 16 दिसंबर 1992 को इसी तरह का एक प्रस्ताव पारित किया गया था जिसमें बाबरी मस्जिद विध्वंस की आलोचना की गई थी। इसके बाद अमित शाह बोले- संविधान के पहले पन्ने से लेकर महात्मा गांधी के आदर्श भारत की कल्पना में राम राज्य का नाम दिया गया। राम व्यक्ति नहीं, प्रतीक हैं कि करोड़ों लोगों को आदर्श जीवन कैसे जीना चाहिए। राम का राज्य धर्म-संप्रदाय के लिए नहीं है, ये पूरी दुनिया के राष्ट्र के लिए है।

4. 22 जनवरी के दिन को लेकर

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर अमित शाह ने कहा- 22 जनवरी का दिन हजारों सागरों के लिए ऐतिहासिक बन गया, जो इतिहास और ऐतिहासिक महलों को नहीं पहचानते। वो अपनी स्वीकृति खो देते हैं। 22 जनवरी 1528 के दिन एक संघर्ष और एक आंदोलन का अंत शुरू हुआ। 1528 से शुरू हुई न्याय की लड़ाई इसी दिन ख़त्म हुई। वहीं ओवैसी ने सरकार से सवाल करते हुए कहा- 22 जनवरी का जश्न मनाकर आप करोड़पति को क्या संदेश दे रहे हैं। यह सरकार क्या चाहती है कि एक धर्म दूसरे पर विजय प्राप्त करे।

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बजट सत्र का आखिरी दिन:पीएम मोदी बोले- आज का दिन महत्वपूर्ण; 5 साल देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का रहा

संसद में बजट सत्र के समापन सत्र में सुबह 11 बजे विपक्ष की शुरुआत राम मंदिर निर्माण के प्रस्ताव पर चर्चा के साथ हुई। शाम पांच बजे के करीब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में भाषण दिया। उन्होंने कहा- आज महत्वपूर्ण है. पिछड़े 5 साल के देश के रिफॉर्म, ट्रांसफॉर्म और परफॉर्म का आ रहा है। मैं सदनों और सभी कलाकारों का धन्यवाद करता हूं। पढ़ें पूरी खबर…

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