मुंबईएक घंटा पहले
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![डिप्टी सीएम मस्जिद फडनवीस ने डिप्टी सीएम अजीत राव से नवाब मोहम्मद को अलायंस में शामिल करने की मांग की। - दैनिक भास्कर](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/07/untitled-design-18_1701968862.jpg)
डिप्टी सीएम मस्जिद फडनवीस ने डिप्टी सीएम अजीत राव से नवाब मोहम्मद को अलायंस में शामिल करने की मांग की।
एनसीपी नेता नवाब मोहम्मद के अजीत गुट में शामिल होने के बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित गुट ने दूसरे डिप्टी सीएम अजीत अख्तर को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने लिखा कि नवाब मोहम्मद को गठबंधन में शामिल नहीं किया जाना चाहिए। इसकी वजह उन्होंने नवाब मोहम्मद पर डीप से कनेक्शन का आरोप बताया है।
लेटर में अख्तर ने लिखा- मुझे पता है कि आपकी पार्टी में कौन शामिल होगा, कौन नहीं, फैसला आप करेंगे। लेकिन मुझे लगता है कि नवाब मोहम्मद की आपकी पार्टी से जुड़े अलायंस को नुकसान हो सकता है। महा विकास अघाड़ी (एमवीपी) सरकार में नवाब अमीर मंत्री थे। गिरफ़्तारी के बावजूद वह मंत्री बने हुए थे। लेकिन हमारा अलायंस एमवीपी ऐसा नहीं है।
विधानसभा में सत्य पक्ष की ओर से नवागत शाहजहाँपुर सीटे थे
गुरुवार (7 दिसंबर) को नवाब मोहम्मद महाराष्ट्र क्षेत्र के शीतकालीन सत्र में शामिल हुए और सत्ता पक्ष की ओर से बैठक की गई। इसके बाद दिए गए प्रस्ताव में कहा गया है कि नवाब सरदार अजीत गुट में शामिल हो रहे हैं। इसे लेकर विपक्षी दल (उद्धव गुट) के नेता अंबादास दानवे और सागर अंधेरे ने आमिर पर हमला किया था। उन्होंने कहा- आमिर ने खुद तय नहीं किया कि वह बागी हैं या शरद शरद गुट से जुड़े हुए हैं।
23 फरवरी 2022 को आमिर को मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया गया था। आमिर पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर कुर्ला में गोआवाला कंपनी की एक जमीन पर भगोड़े को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके साथियों से चोरी का आरोप लगाया था। 11 अगस्त 2023 को स्वास्थ्य खराब होने की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया था। वे 18 महीने तक जेल में रहे। इसके बाद पहली बार प्रधानमंत्री आज 7 दिसंबर को प्रदेश में आए।
![मोहम्मद मोहम्मद की गिरफ़्तारी के बाद उनके ऑफिस के कैटलॉग एक्सएक्स हैंडल (पहले) से यह तस्वीरें पोस्ट की गईं।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2023/12/07/untitled-design-17_1701968021.jpg)
मोहम्मद मोहम्मद की गिरफ़्तारी के बाद उनके ऑफिस के कैटलॉग एक्सएक्स हैंडल (पहले) से यह तस्वीरें पोस्ट की गईं।
डिप्टी सीएम बिजनेसमैन ने खुलासा किया था
9 नवंबर 2021 को महाराष्ट्र के पूर्व सीएम लिबरेशन आर्टिस्ट ने नवाब मोहम्मद के अंडरवर्ल्ड से का घोटाला का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि नवाब मोहम्मद ने इब्राहिम के गिरोह से जमीनें छीन लीं। मुंबई में ब्लास्ट करने के पीछे हैं ये जमीनें। पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि शाह सरदार वली खान और हसीना पारकर के करीबी रिश्तेदार पटेल के साथ नवाब मोहम्मद के व्यावसायिक संबंध हैं। इन दोनों ने नवाब मोहम्मद के आदिवासियों की एक कंपनी (सॉलिडस कंपनी) को मुंबई के एलबीएस रोड पर मौजूद करोड़ों की जमीन कौड़ियों के दाम में बेच दिया।
सिद्धांत के अनुसार जमीन की बिक्री सरदार वली खान और सिद्धांत पटेल ने की थी। नवाब मोहम्मद भी इस कंपनी से कुछ समय के लिए जुड़े हुए थे। कुर्ला के एलबीएस रोड पर मौजूद 3 नैकेर ग्राउंड की कीमत महज 20-30 लाख रुपये है, जबकि इसका बाजार मूल्य 3.50 करोड़ से ज्यादा है। पूर्व सीएम ने इसके सारे साक्ष्य केंद्रीय एजेंसियों को देने की बात भी कही थी। माना जा रहा है कि इसी मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी की टीम ने आमिर से पूछताछ की है। हालांकि ईडी की ओर से इस पर अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
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अजीत बोले- शरद शरद कुछ कहते हैं, कुछ करते हैं:मुझसे सत्य में जाने को कहा, खुद एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा; सुप्रिया सब बतियाती हैं
महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और एनसीपी नेता अजित पवार ने कहा कि शरद पवार खुद ही एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना चाहते थे। परन्तु वे हमें कुछ और कहते हैं, कुछ और करते हैं।
अजित ने यह बात शुक्रवार (1 दिसंबर को) रायगढ़ के कर्ज़त में एनसीपी के शेयर में कही। वे बोले कि शरद ने कॉन्स्टैंट की भूमिका बदली। इस घटना की सारी जानकारी सुप्रिया सुले को थी। अजीत ने यह भी बताया कि शरद पवार ने अपनी सत्ता में भागीदारी के लिए ही कहा था। पूरी खबर पढ़ें…
इलेक्शन कमीशन एनसीपी सिंबल पर सुनवाई:शरद बोले-चल भी जाए तो चिंता नहीं; भाजपा वाशिंग मशीन को सिंबल बनायें
इलेक्शन कमीशन कल यानि 6 अक्टूबर को एनसीपी के इलेक्शन सिंबल के अधिकार पर सुनवाई। कमीशन ने शरद और अजीत दोनों गुटों को व्यक्तिगत सुनवाई के लिए बुलाया है। ये दोनों ही गुट पार्टी पर अपना दावा कर रहे हैं।
उधर, शरद पवार ने दिल्ली में पार्टी की वर्किंग कमेटी की मीटिंग में कहा कि एनसीपी के चुनाव चिह्न में गड़बड़ी की कोशिश हो सकती है। अगर पार्टी का चुनाव चिह्न भी चला जाए तो नैतिकता पर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। सिंबल रिप्लेसमेंट से लोग नहीं चलते हैं। उन्हें पता चलता है कि कौन सा बटन दबाना है। मैं अलग-अलग चुनाव चिह्नों पर चुनाव लड़ता और जीतता हूं। पूरी खबर पढ़ें…