अग्निपथ योजना पर चंपारण के युवाओं से मिले राहुल गांधी | राहुल बोले-अग्निपथ ने कहा युवाओं का सपना टूटा: छात्रों ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर कर लिखा- सरकार ने मेहनत पर पानी फेर दिया

नई दिल्ली5 मिनट पहले

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नेता कांग्रेस राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि सरकार ने अग्निपथ स्कॉलरशिप लॉन्च करके युवा बच्चों के सपने को नष्ट कर दिया है। राहुल ने सोशल मीडिया पर एक ग्रुप फोटो शेयर की जिसमें वे कुछ युवाओं के साथ बैठे नजर आ रहे हैं। इस पोस्ट में राहुल ने लिखा कि ये सभी युवा बिहार के हिमाचल प्रदेश से आए हैं।

राहुल ने कहा कि सरकार ने सेना और वायु सेना में अग्निवीर स्क्यॉ के लड़कों की स्थायी भर्ती प्रक्रिया को कैंसिल करके युवाओं के सपने को बर्बाद कर दिया है। जबकि, अग्निवीर स्क्वैज़ को अस्थायी भर्ती के लिए शुरू किया गया था।

राहुल ने पोस्ट में लिखा, ‘बहुत दुख की बात है कि हमारे युवा जो 1,100 किलोमीटर दूर दिल्ली क्षेत्र के चित्रांकन की भूमि से हैं, उनका संघर्ष मीडिया को नहीं दिख रहा है। हम उन युवाओं के साथ हैं, जो सड़क से संसद तक बेरोजगारी का बेरोजगार उठा रहे हैं।

राहुल ने कुणाल से आए युवाओं से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की।

राहुल ने कुणाल से आए युवाओं से मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की।

पूर्व सेना प्रमुखों ने भी अग्निपथ स्कॉच कोज़ायसी स्कॉच के बारे में बताया था
पूर्व सेना के प्रमुख जनरल नरवणे नेवी ने अपनी बायोग्राफी में अग्निपथ स्लॉग को लेकर दावा किया है कि इस स्काॅस के प्रदर्शन ने त्रिसैना (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) को चौंका दिया था। जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 31 दिसंबर 2019 से 30 अप्रैल 2022 तक सेना प्रमुख के रूप में कर्मचारी थे।

उन्होंने अपनी किताब ‘फोर्स स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में लिखा है कि उन्होंने 2020 में पीएम मोदी को ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ का प्रस्ताव दिया था। इसमें अग्निवीरों की तरह ही कणों को कुछ समय के लिए भर्ती करने की सलाह दी गई थी, जो सिर्फ भारतीय सेना के लिए मान्य था।

नरवणे ने लिखा- कुछ समय बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) अग्निपथ योजना लेकर आए। इसमें थल सेना के साथ-साथ वायु सेना और नौसेना को भी शामिल किया गया। इस योजना में सेना से लेकर बड़ी संख्या में वायु सेना और नौसेना को शामिल किया गया है।

इस दावे को लेकर शेयर बाजार में कांग्रेस ने सरकार पर दबाव डाला था। कांग्रेस नेता राकेश राकेश ने 19 दिसंबर को नरवणे के दावे के बाद कहा- अग्निपथ योजना बिना किसी के विचार-विमर्श के रखी गई।

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