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- Apple IPhone हैकिंग विवाद; महुआ मोइत्रा शशि थरूर | राहुल गांधी
नई दिल्लीएक मिनट पहले
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केंद्र सरकार के प्रमुखों के फोन पर हैकिंग के दावे को फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के बारे में संसदीय समिति को समन भेजा जा सकता है। संसदीय समिति के अधिकारियों से पूछताछ के दौरान बताया गया।
यह मुद्दा संसद की स्थायी समिति की अगली बैठक में उठाया जाएगा। असेंबली में कलाकारों के मॉडल से भी पूछताछ होने की संभावना है। पूरे घोटाले के नेताओं के iPhone पर एक विकल्प से यात्रा है।
असली, पैसे लेकर संसद में प्रश्नोत्तरी मामले में फंसे टीएमसी के नाबालिग किशोर मोइत्रा ने 31 अक्टूबर को दावा किया था कि एप्पल ने उन्हें नकली संदेश भेजे हैं। केंद्र सरकार उनके फोन और ईमेल हैकवॉल की कोशिश कर रही है।
यूक्रेन के बाद कांग्रेस नेता शशि थरूर, पवन खंडवा, आप के मिनिमल राधा चड्ढा, बीजेपी (उद्धव गुट) के मिनियन चौधरी चौधरी, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी एक इंटरव्यू में दावा किया।
सरकार ने हैकिंग के सहयोगी का फोन खारिज कर दिया
सरकार ने हैकिंग के वेतन के बाद केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव को मामले की जांच के आदेश दिए। अश्विनी वैष्णव ने दावा किया है कि एपल ने 150 देशों में एड जारी की है। एप्पल के पास कोई अंतरिक्ष संबंधी जानकारी नहीं है। कंपनी ने अनुमान के आधार पर अनुरोध किया है। एपल ने दावा किया है कि उनका कोई भी फोन हैक नहीं कर सकता। सरकार का यह मुद्दा गंभीर है और हम इसकी तह तक जाएंगे।
यूजीन ने ट्वीट किया- गृह मंत्रालय के पास कोई काम नहीं

यूजीन ने ये ट्वीट अपने फोन पर करके ये ट्वीट किया है।
यूजीन ने एक ट्वीट में कुछ अर्जियां शेयर करते हुए कहा कि देश के गृह मंत्रालय के पास और कोई काम नहीं है। दूसरे ट्वीट में यूजीन ने कहा कि अखिलेश यादव के पास भी ऐसा संदेश आया है। ये क्वालिटी ये भी बुरी है. देश को ताक-झांक करने वाले लोग चले आ रहे हैं।
इंजिन ने लिखा, ‘ओम बिड़ला ने आधिकारिक तौर पर एक पत्र में लिखा है कि वे अपने राजधर्म की रक्षा करें। साथ ही गृह मंत्रालय के अधिकारियों से तत्काल इस बारे में पूछताछ करें। विशेषाधिकार समिति को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। अश्विनी वैष्णव जी, ये असली सेंधमारी है, आपको चिंता करनी चाहिए।’
थूर बोले- कुछ लोग मेरे जासूस में बिजी हैं
फेसबुक के कुछ देर बाद ही शशि थरूर ने भी कुछ डॉगी शेयर किए और लिखा कि ये डॉगी मुझे एक एपल आईडी से मिले हैं, जिसे मैंने वेरिफाई किया है। ये इमेल सही हैं। मुझे खुशी है कि कुछ खाली बैठे सरकारी मुलाजिम मेरे जैसे टैक्सपेयर्स की जासूसी बिजी हैं। उनके पास करने के लिए कुछ और नहीं है।

शशि थरूर ने भी सरकार की तरफ से जासूसों की बात कही और संदेश साझा किया।
राहुल बोले- बीजेपी की सरकार और उनका कम्यूनिस्ट सिस्टम सीधा दर्शन है
राहुल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भास्कर पत्रकार ने राहुल से पूछा कि डेमोक्रेटिक देशों में चुनाव के जरिए मोदी सरकार तो आप बदल सकते हैं, लेकिन अडानी सरकार कैसे बदलेंगे?
इस पर राहुल ने जवाब दिया कि ये बड़ी दिलचस्प मशीनें हैं, लेकिन इसके लिए दवाएं मेरे पास हैं। अभी मेडिकल शेयर नहीं करेगा, टाइम आएगा तो बताओ। अडाणी जी सरकार बदलाव के साथ चलेगी। जिस तरह का मोनोपोलोलिज्म आज भारत में उसका सबसे बड़ा सिंबल है।
उसके देश को जबरदस्त नुकसान हो रहा है। हमारी डेमोक्रेसी ख़राब हो रही है, हमारे लोगों का पैसा चोरी हो रहा है, हमारे इंस्टीट्यूशनल गठबंधन ख़राब हो रहे हैं। बीजेपी की सरकार ने अपना और नेवलिस्ट सिस्टम डायरेक्टली लॉन्च किया है। चुनाव में वोटिंग से रिजॉल्व नहीं होगा। कुछ और दवा उपकरण होंगे के लिए माल्टीज़ रिज़ॉल्व।
इन संदेशों में क्या लिखा है?
जापानी और शशि थरूर ने जो स्टॉक शेयर किए हैं, वे एपल आईडी पर आए थे। इनमें लिखा है कि एपल को लगता है कि स्टेट-स्पॉन्सर्ड हमलावर आपको अपना सुझाव दे रहे हैं। ये आपकी एपल आईडी से जुड़े हुए हैं, जो कि कागजात को लेकर मजिस्ट्री मॉड में शामिल हैं।
इस ईमेल का संदेश है- ‘अलर्ट- स्टेट स्पॉन्सर्ड हमलावर आपके हमलों पर हमला कर रहे हैं।’ लिखा है कि ये अटैकर्स आपको शायद आपके पद और आपके काम की वजह से सलाह दे रहे हैं। अगर आपने किसी स्टेट-स्पॉन्सर्ड हमलावर से समझौता कर लिया है तो हो सकता है कि वे आपकी निजी जानकारी, आपकी बातचीत, यहां तक कि आपका कैमरा और माइक्रोफोन भी मॅजिक फोन तक कर सकें।
टेलीकॉम में ये भी लिखा है कि ये एक फॉल्स वैकल्पिक हो सकता है, लेकिन फिर भी ये वॉर्निंग को लीडर से लें।

appleid.apple.com पर लॉग-इन करके उपभोक्ता थ्रेट नोटिफिकेशन देख सकते हैं।
बीजेपी बोली- त्योहार मनाने से पहले ऐपल के जवाब का इंतजार क्यों नहीं?
अमित इंटर्गेस्ट ने कहा कि हमेशा बेघर रहने वाले लोग ‘स्टेट स्पॉन्सर्ड’ हमले का नाम लेकर तूफान मचा रहे हैं और शहीद बनने का ड्रामा कर रहे हैं। ये जो चीख-पुकार मची हुई है, मेरा मतलब है कि पिछले सारे सहायकों की तरह ये भी फुस्स निकलेगी। एपल की तरफ सेस्वच्छता का इंतजार क्यों नहीं?
एपल का जवाब- हम हमलावरों की जानकारी नहीं दे सकते
एपल ने कहा- स्टेट स्पॉन्सर्ड हमलावर महान कार्य करते हैं और वे बहुत वैज्ञानिक तरीके से काम करते हैं। उनका हमला भी समय के साथ बेहतर होता जाता है। इस तरह के दावों का पता लगाने के लिए हमें थ्रेट सिग्नल सिग्नल पर प्रतिबंधात्मक रखरखाव की आवश्यकता होती है, जिसका कई बार प्रभाव नहीं पड़ता है या विरोध नहीं होता है। ये संभव है कि एपल के कुछ थ्रेट नोटिफिकेशन फाल्स एबाइल होन या कुछ हमले को नष्ट कर दिया जाए।
हम ये जानकारी देने में अक्षम हैं कि किन लक्ष्यों से हम थ्रेट नोटिफिकेशन जारी करते हैं, क्योंकि ऐसा करने से स्टेट स्पॉन्सर्ड हमलावर खतरे में पड़ जाते हैं और फिर वे अपने तरीके से हमला करते हैं जिससे कि भविष्य में पकड़ में नहीं आ पाते।
वहीं, केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा- एपल को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी जमानत सुरक्षित है। अगर ऐसा है तो फिर 150 देशों के लोगों के पास खतरनाक चेतावनी क्यों भेजी गई?
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