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- राहुल गांधी सत्यपाल मलिक साक्षात्कार अपडेट; नरेंद्र मोदी सरकार | पुलवामा हमला
एक मिनट पहले
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राहुल गांधी ने 14 अक्टूबर को सत्यपाल आमिर की हत्या कर दी थी, जिसे उनके यूट्यूब अकाउंट पर 25 अक्टूबर को प्रकाशित किया गया था।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 14 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल आमिर खान से बातचीत की। 28 मिनट की इस बातचीत में राहुल ने सत्यपाल आमिर से लेकर मोकामा में हुई हिंसा, आतंकी हमले, किसान आंदोलन और जातीय गुट समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। इस दौरान आमिर ने राहुल से कहा कि चुनाव में सिर्फ 6 महीने रह गए हैं। मैं लिख रहा हूं कि अब मोदी नहीं आएंगे।
राहुल ने आमिर से 6 मुद्दे पर की बात…
1. जम्मू-कश्मीर
राहुल: जम्मू-कश्मीर के बारे में आपकी क्या राय है?
दोस्त: वहां के लोगों पर जोर-जबरदस्ती करना ठीक नहीं है। जम्मू-कश्मीर के लोगों को अनलॉक करने के लिए आप भी कुछ कर सकते हैं।
राहुल: वहां शांति कैसे मिलेगी?
दोस्त: मुझे लगता है कि उनका राज्य विवरण वापस लेना चाहिए। तीसरा अनुच्छेद 370 वापस लेकर केंद्र सरकार के साथ बना। अमित शाह का वादा है कि वे राज्य वापस आएंगे। इसलिए जल्द से जल्द जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाया जाना चाहिए और वहां चुनाव होना चाहिए।
राहुल: किस राज्य में अब सबसे ज्यादा घटनाएं हो रही हैं?
दोस्त: अब से पहले प्रमुख आभूषण हैं। राजौरी और कश्मीर वेली में हर दिन हिंसा हो रही है।

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2. पुलवामा हमला
राहुल: आतंकवादी हमलों के बारे में आपकी क्या राय है?
दोस्त: मैं ये तो नहीं कहता कि हमला बीजेपी ने ही किया। लेकिन इस हमले की पार्टी ने राजनीति का इस्तेमाल किया। पीएम मोदी लोगों से कहते हैं कि जब वोट दिया गया तो आतंकवादियों की मौत को याद रखना।
राहुल: मुझे आतंकवादी हमलों के बारे में पता चला तो मैं तुरंत इन्टरनेट से संपर्क करता हूँ। लेकिन वहां मुझे एक कमरा बंद कर दिया गया और किराये नहीं दे रहे थे। मैं लड़की वहां से निकला। ये सब मुझे देखकर लग रहा था कि जैसे कोई शो चल रहा है या कोई इवेंट क्रिएट किया जा रहा है।
दोस्त: जिस दिन हुआ था ये हमला, पीएम मोदी नेशनल कार्बेट पार्क में कर रहे थे शूटिंग. मैंने कई बार फोन किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ। कुछ देर बाद उनका फोन आया तो मैंने बताया कि हमारे कई सैनिक शहीद हो गए और ये सब हमारी गलती से हो गए तो उन्होंने तुरंत कहा कि अभी चुप रहो और इस पर कुछ मत बोलो। मुझे लगा था कि मामले की जांच होगी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ।
राहुल: हमला क्यों हुआ और क्यों हुआ?
दोस्त: शहीद होने वाले सैनिक ने होम मिनिस्ट्री से 5 एयरोक्राफ्ट की योजना बनाई थी, लेकिन उनकी मांग पूरी नहीं हुई। वे फिर जबरदस्ती सड़क से चले गए और हादसों का शिकार हो गए।
राहुल: वहां तक सोमाली कैसे पहुंचाएं?
दोस्त: सारा मालगोदाम पाकिस्तान से रवाना हुआ था। डीजल के साथ एक गाड़ी दस दिन से घूम रही थी। लेकिन सिस्टम ने ध्यान नहीं दिया। इतने ही नहीं सैनिक जिस सड़क से निकल रहे थे, वहां शराब को नहीं छोड़ा गया था। सेना के जवानों के साथ ही चमेली चल रही थी, जबकि ऐसा नियम नहीं है।

राहुल ने सत्यपाल आमिर से 28 मिनट की इस बातचीत की।
3. जातिगत जानवर
राहुल: मीडिया, ब्यूरोक्रेसी या किस संस्थान हो। यहां ओबीसी, दलित या आदिवासी किसी का भी प्रतिनिधित्व नहीं है। इस पर आपकी क्या राय है?
दोस्त: माइक्रोसॉफ्ट ने कहा था कि गोवा की आजादी को लेकर एक समिति बनाई गई थी। न चाहते हुए भी इसमें 48% अपर कास्ट के लोग आ गए थे। अब ये सिस्टम बन चुका है।
राहुल: मध्यस्थ कैसे बदला जा सकता है?
दोस्त: हर जगह आश्रमों में फिक्स करना शामिल है। इसके अलावा उन कलाकृतियों की खुद की भी मजबूती होगी।
4.लेखक हिंसा
राहुल: कंपनी के बारे में आपका क्या नाम है?
दोस्त: सरकार के प्रबंधन पर कोई नियंत्रण नहीं है। मुख्य मंत्री कुछ नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन हटाये नहीं जा रहे हैं।
राहुल: अब एक राज्य बचा नहीं है, दो राज्य बन गये हैं। सरकार सच में नियंत्रण खो दिया है।
दोस्त: चुनाव में सिर्फ 6 महीने रह गए हैं। मैं लिख रहा हूं कि अब मोदी नहीं आएंगे।

3 मई को हुई हिंसा के बीच 29 जून को राहुल गांधी ने राज्य का दौरा किया था और विद्वानों से मुलाकात की थी।
5. आरएसएस की श्रृंखला
राहुल: मुझे लगता है कि भारत की राजनीति में दो तरह की लड़ाइयाँ हैं। एक गांधीवादी और दूसरी आरएसएस की। दोनों का अस्तित्व के दर्शन हैं। एक अहिंसा भाईचारे की असहमति है। दूसरी अधर्म और अहिंसा की। इस बारे में आपका क्या कहना है?
दोस्त: मेरा ये नाम है कि हिंदुस्तान देश का विशेष रूप से सर्वाइव विज़ाइव। जब उदार हिंदू धर्म का रास्ता खुला। ये गांधी का दर्शन था. वे गांव गांव थे. तब यह दृष्टि क्षेत्र पर थी। अगर इसी तरह के सिद्धांत पर देश अलग, इसी तरह चलचित्र, नहीं तो टुकड़े हो जाएंगे। हमें मिल-जुल कर बिना लड़ाई के इंतजार करना होगा।
6. देश का वैभव
राहुल: जब भी सरकार पर कोई दस्तावेज़ आता है, तो ये कुछ न कुछ निकाल दिया जाता है। जब मैंने गौतम अडानी पर चर्चा की, तो पहले टीवी बंद कर दी, मुझे फिर संसद से हटा दिया गया। फिर स्पेशल सेशन की बात हुई, तो इसमें भारत और इंडिया पर चर्चा की बात हुई। आखिरी बार ये लोग महिला नखरेदार बिल बिल लाए थे। वह अभी भी 10 साल बाद भी नहीं आए। फ़्राईड्राईल विद्रोही हो, महिलाओं की संपत्ति हो, इनके पास चर्चा को भटकाने का अच्छा तरीका है।
दोस्त: ये किसी भी चीज़ का इवेंट बना देते हैं। फिर अपने पक्ष में लाभ की दरें हैं। महिला नटखट बिल का भी यही किया। महिलाओं को कुछ भी अपॉइंटमेंट नहीं मिलता है, लेकिन इस तरह से दिखाया जाता है कि न जाने कितना बड़ा काम किया जाता है। नई संसद की कोई जरूरत नहीं थी, लेकिन पीएम मोदी ने अपना पत्थर गिराया था। वो पुरानी बिल्डिंग तो अभी भी कई साल तक चलती है।
राहुल: जब आपने सेनापति और किसान आंदोलन का उत्थान किया तो आपको झटका लगा। इस पर आपकी क्या राय है?
दोस्त: कानून ये है कि जो आदमी होता है, उसे सज़ा नहीं दी जा सकती। मेरी शिकायत की रिपोर्ट, उनकी पूछताछ नहीं हुई, जांच नहीं हुई, मेरी पूछताछ तीन बार चली। मैंने कहा, तुम भी कुछ कर लो, मेरा कुछ नहीं पाओगे। मैं ठीक हूँ, मेरे पास कुछ नहीं है। बात में तंज कसते हुए कहा कि साहब हम तो नौकरी कर रहे हैं। उनकी भी मजबूरी है.