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- कश्मीर घाटी में 59% कम हुआ आतंकवाद | G20 के बाद 20 हजार विदेशी आये
उत्तर4 मिनट पहलेलेखक: मुदस्सिर राइटर
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चित्र पहलगाम में भागवत वाली लिडर नदी के किनारे की है, इसे उमर गनी ने क्लिक किया है।
कश्मीर के विद्वान अमन-चैन लौट रहे हैं। हालात बदल रहे हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत में 59% तक की कमी आई है। स्थानीय युवा गुटों में भर्ती से लेकर कर रहे हैं। ऐसे में विदेशी सैलानियों को कश्मीर का स्मारक बना हुआ है।
घाटी में पिछले साल 4100 विदेशी पर्यटक आये थे जबकि इस साल सितंबर तक 32 हजार आ चुके हैं। यानि पिछले साल की तुलना में अब तक लगभग आठ विदेशी पर्यटक आ चुके हैं।
मई में कश्मीर में जी20 समित से पहले इस साल 12 हजार विदेशी पर्यटक आए थे, जबकि सितंबर तक 20 हजार विदेशी सैलानी आ चुके हैं। अमेरिका, कनाडा और कुछ अन्य यूरोपीय देशों की ओर से विपरीत पोस्टर एड डिज़ायर के अलावा भी विदेशी सैलानी कश्मीर आ रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग के चौकस सुरक्षा व्यवस्था के अनुसार विदेशी पर्यटकों का खतरा नहीं है। घाटी में अब तक 1.50 करोड़ देशी पर्यटक भी आ चुके हैं। ऐसे में पिछले साल का 1.88 करोड़ का देशी टर्बो का रिकॉर्ड टूट सकता है।

आज़ादी के बाद पहली बार कश्मीर के कूप वेव के सारदा मंदिर में नवरात्रि पर पूजा की गई।
10 स्थानीय युवा महिला कलाकार, इनमें से 6 का सफ़ाया
जम्मू-कश्मीर पुलिस प्रमुख दिलबाग सिंह के मुताबिक इस साल 10 स्थानीय युवा आतंकी गुटों में भर्ती हुई, इनमें से 6 साज़िशों का सफाया हो गया। 2019 में 119 युवा साथी बने थे, 2020 में 167 युवाओं ने आतंक का दमन किया था। 2021 में 128 और 2022 में 100 युवा साथी गुटों की भर्ती हुई थी।
नागरिकों की मौत के मामले में भी 77% घाटा
आर्टिकल 370 के बाद पांच साल में कश्मीर में आतंकवादी हमले में आम नागरिकों के मारे जाने के मामलों में 77% तक की कमी दर्ज की गई है।
साल | विश्वव्यापी | नागरिक | सुरक्षा बल | अन्य |
2019 | 135 | 42 | 78 | 163 |
2020 | 140 | 33 | 56 | 232 |
2021 | 153 | 36 | 45 | 193 |
2022 | 151 | 30 | 30 | 193 |
2023* | 56 | 10 | 22 | 66 |
(स्रोतः साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल, *सितंबर, 2023 तक)